अविकारी शब्द : क्रियाविशेषण Indeclinable Words : Adverb
अविकारी शब्द का अर्थ — अविकारी शब्द का अर्थ है होता है –“परिवर्तन न होना” ।
परिभाषा – वे शब्द जिनमें लिंग, काल, पुरुष आदि की दृष्टि से कोई परिवर्तन न हो, अविकारी शब्द कहलाते है।
अविकारी शब्द के भेद –
अविकारी शब्द चार प्रकार के होते हैं –
1. क्रियाविशेषण ( Adverb )
2. संबंधबोधक ( Post Position )
3. सम्मुच्यबोधक ( Conjunction )
4. विस्मयादिबोधक ( Interjection )
1. क्रियाविशेषण ( Adverb ) – वे अविकारी शब्द जो क्रिया की विशेषता को बतलाते है ,“क्रियाविशेषण” कहलाते है।
जैसे-
► वो लड़का अधिक हँसता है।
► वह अभी गया है।
►कछुआ धीरे-धीरे चलता है।
( उपर्युक्त वाक्यों में अधिक, अभी, धीरे-धीरे शब्द क्रिया की विशेषता बतला रहे है ,अतः ये शब्द ‘ क्रियाविशेषण’ है। )
क्रियाविशेषण के भेद ( Kinds of Adverb )-
समय, रीति, स्थान और मात्रा के आधार पर क्रियाविशेषण के चार भेद किए गए हैं ।
1. कालवाचक क्रियाविशेषण
2. रीतिवाचक क्रियाविशेषण
3. स्थानवाचक क्रियाविशेषण
4. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण
( 1 ) कालवाचक क्रियाविशेषण ( Adverb of Time ) —जिन क्रियाविशेषण शब्दों से क्रिया के होने या करने के समय की सूचना मिलती है , उन्हें “ कालवाचक क्रियाविशेषण ” कहते हैं ।
जैसे–
► नेहा हर समय खेलती रहती है।
► निधि कल जयपुर जाएगी।
► राम अभी आया था।
► रोहन परसो दिल्ली आएगा।
( इन वाक्यों में कल , हर समय , अभी और परसों शब्दों से क्रिया के होने या करने के समय का पता चल रहा है ; अतः ये शब्द “कालवाचक क्रियाविशेषण ” हैं । )
( 2 ) रीतिवाचक क्रियाविशेषण ( Adverb of Manner ) – जो क्रियाविशेषण शब्द क्रिया की रीति या ढंग की विशेषता का बोध कराते हैं , उन्हें “रीतिवाचक क्रियाविशेषण ” कहते हैं ।
जैसे-
► जल्दी घर आओ।
► राम तेज भागता है।
► उसका कुत्ता अचानक मर गया।
► राम ध्यानपूर्वक पुस्तक पढ़ता है।
( उपर्युक्त वाक्यों में जल्दी, धीरे-धीरे, ध्यानपूर्वक,अचानक शब्द क्रिया की रीति का बोध करा रहे है अतः ये ‘रीतिवाचक क्रियाविशेषण ‘ शब्द है।)
( 3 ) स्थानवाचक क्रियाविशेषण ( Adverb of Place ) – वे क्रियाविशेषण शब्द जो क्रिया के होने के स्थान का बोध कराते हैं , उन्हें “स्थानवाचक क्रियाविशेषण “ कहते हैं ।
जैसे-
( क ) उस तरफ खाई है ।
( ख ) बाहर जाकर सुनो ।
( ग ) इधर – उधर मत देखो ।
( घ ) अमर वहाँ गया है ।
( इन वाक्यों में उस तरफ, बाहर, इधर – उधर और वहाँ शब्द “स्थानवाचक क्रियाविशेषण ” का बोध करा रहे हैं । )
( 4 ) परिमाणवाचक क्रियाविशेषण ( Adverb of Quantity ) – वे क्रियाविशेषण शब्द जो क्रिया के परिमाण ( माप – तोल , मात्रा ) का बोध कराते हैं , उन्हें “परिमाणवाचक क्रियाविशेषण ” कहते हैं ।
जैसे-
► अंकुर बहुत काम करता है।
► अन्नू आज बहुत खुश है।
►अनुज कम बोलता है।
( इन वाक्यों में कम , ज्यादा और बहुत शब्द परिमाणवाचक क्रिया – विशेषण का बोध करा रहे हैं । )
विशेषण और क्रियाविशेषण में अंतर
( 1 ) विशेषण शब्द संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बताते हैं , जबकि क्रियाविशेषण शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं ।
( 2 ) विशेषण शब्द संज्ञा सर्वनाम से पहले लगते हैं , जबकि क्रियाविशेषण क्रिया से पहले लगते हैं ।
कुछ प्रमुख क्रियाविशेषण ( Some ImportantAdverbs )
स्थानवाचक | परिणामवाचक | रीतिवाचक | कालवाचक |
बाहर | तत्काल | अधिक | स |
अन्दर | फिर | उतना | समुचय |
पास | दिन – भर | केवल | हँसकर |
दूर | आज – कल | ज्यादा | क्यों |
साथ | आज | जितना | दरअसल |
यहाँ | कल | बहुत | मुस्कराकर |
वहाँ | तुरंत | थोड़ा | अचानक |
निकट | लगातर | तेजा | बेशक |
आगे | शीघ्र | कितना | हाँ |
पीछे | जल्दी | जरा | अवश्य |
आस-पास | पुनः | मंद | नी: संदेश |
सर्वत्र | बार – बार | पर्याप्त | नहीं |
सामने | सदा | अल्प | वास्वक में |