परिभाषा – वे अविकार शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम का सम्बन्ध वाक्य के अन्य शब्दों के साथ बताते है , “सम्बन्धबोधक ” कहलाते है।
जैसे-
► पिता जी राजू के लिए कपड़े लाए हैं ।
► वह बुखार के कारण कमजोर हो गया ।
► विशाल के समान ईमानदार बनो ।
► शिक्षा के बिना मनुष्य पशु है ।
(उपर्युक्त वाक्यों में के लिए , के कारण , के समान और के बिना शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्द के साथ संबंध जोड़ रहे हैं ; अतः ये शब्द संबंधबोधक अव्यय है । )
संबंधबोधक अव्यय के भेद ( Kinds of Post Position )-
संबंधबोधक अव्यय दो प्रकार के होते हैं –
1. सामान्य सम्बन्धबोधक
2. विभक्तियुक्त सम्बन्धबोधक
( 1 ) सामान्य संबंधबोधक – ये सम्बन्धबोधक अव्यय विभक्ति रहित होते है।
जैसे-
► उनका काम राम भरोसे चल रहा है।
► शिक्षा बिना जीवन बेकार है।
( इन वाक्यों में संबंधबोधक अव्ययों ‘भरोसे ‘और ‘बिना ‘ के साथ विभक्ति – चिह्न नहीं है ; अत : ये सामान्य संबंधबोधक अव्यय हैं । )
( 2 ) विभक्तियुक्त संबंधबोधक- ये सम्बन्धबोधक अव्यय विभक्ति -चिह्न युक्त होते है।
जैसे-
► वह मामा के यहाँ पढ़ता है।
► मेरे घर के सामने एक स्कूल है।
► घर के बाहर कोई खड़ा है।
(उपर्युक्त वाक्यों में ‘के सामने ‘ , ‘के बाहर ‘ , ‘के यहाँ ‘ विभक्ति चिह्न युक्त शब्द है )
संबंधबोधक और क्रिया – विशेषण में अंतर
► संबंधबोधक अव्यय संज्ञा या सर्वनाम का संबंध अन्य शब्दों से जोड़ते हैं , जबकि क्रियाविशेषण शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं।
► संबंधबोधक अव्ययों से पहले विभक्ति – चिह्न भी लगे होते हैं , जबकि क्रियाविशेषण शब्दों के साथ विभक्ति – चिहन नहीं होते।
कुछ प्रमुख संबंधबोधक ( Some Important Post Positions )
से पूर्व, से दूर,से पहले,से दूर, के सिवा, के बाद, के पहले, के आगे, के पीछे, के पूर्व, के पास, के निकट, के सहारे, के समान, के बिना के जैसा, के अलावा, के ऊपर, के नीचे, के बीच, के भीतर, के अन्दर के द्वारा,के लिए, के विरुद्ध, की ओर, की तरफ आदि।