- परशुराम – भृगुसुत, जामदग्न्य, भार्गव, परशुधर, भृगुनन्दन, रेणुकातनय।
- पर्वत – पहाड़, अचल, शैल, नग, भूधर, मेरू, महीधर, गिरि।
- पवन – समीर, अनिल, मारुत, वात, पवमान, वायु, बयार।
- पवित्र – पुनीत, पावन, शुद्ध, शुचि, साफ़, स्वच्छ
- पार्वती – भवानी, अम्बिका, गौरी, अभया, गिरिजा, उमा, सती, शिवप्रिया।
- पिता – जनक, बाप, तात, गुरु, फ़ादर, वालिद।
- पुत्र – तनय, आत्मज, सुत, लड़का, बेटा, औरस, पूता
- परिणय – शादी, विवाह, पाणिग्रहण।
- पूज्य – आराध्य, अर्चनीय, उपास्य, वंद्य, वंदनीय, पूजनीय।
- पुत्री – तनया, आत्मजा, सुता, लड़की, बेटी, दुहिता।
- सब – अखिल, सम्पूर्ण, सकल, सर्व, समस्त, समग्र, निखिल।
- संकल्प – वृत, दृढ़ निश्चय, प्रतिज्ञा, प्रण।
- संग्रह – संकलन, संचय, जमावा
- संन्यासी – बैरागी, दंडी, विरत, परिव्राजका
- सजग – सतर्क, चौकस, चौकन्ना, सावधान।
- संहार – अन्त, नाश, समाप्ति, ध्वंसा
- समसामयिक – समकालिक, समकालीन, समवयस्क, वर्तमान।
- समीक्षा – विवेचना, मीमांसा, आलोचना, निरूपण।
- आँख – लोचन, नयन, नेत्र, दृग्, आक्ष, चक्षु, दीदा, विलोचन
- आँगन – अँगना, अजिर, प्रांगण, अँगनाई
- आँचल – पल्ला, छोर, दामर, कोना, कोर
- आँसू – अश्रु, नेत्रनीर, नयनजल, नेत्रवारि, नयन-नीर
- आकर्षण – दिलकशी, खिंचाव, विमोहन, सम्मोहन, प्रभावकारी
- इच्छुक – अभिलाषी, लालायित, आतुर, उत्सुक, उत्कण्ठित
- इठलाना – शेखी मारना, ऐंठना, इतराना, शान दिखाना
- इनकार – प्रत्याख्यान, अनगीकार, निषेध, अस्वीकृति
- इनाम – उपहार, पुरस्कार
- अचल– अडिग ,अटल ,स्थिर ,दृढ, अविचल।
- अनुपम– अनोखा, अनूठा, अपूर्व, अद्भुत, अद्वितीय, अतुल।
- अमृत– मधु, सुधा, पीयूष ,अमी, सोम ,सुरभोग।
- अंबा– माता, जननी, मां, जन्मदात्री, प्रसूता।
- अलंकार– आभूषण, भूषण, विभूषण, गहना, जेवर।
- अहंकार– दंभ, गर्व, अभिमान, दर्प, मद, घमंड, मान।
- अरण्य– जंगल, वन, कानन, अटवी, कान्तार, विपिन।
- अंकुश– नियंत्रण, पाबंदी, रोक, अंकुसी, दबाव, गजांकुश, हाथी को नियंत्रित करने की कील, नियंत्रित करने या रोकने का तरीका।
- अंतरिक्ष– खगोल, नभमंडल, गगनमंडल, आकाशमंडल।
- अंतर्धान– गायब, लुप्त, ओझल, अदृश्य।
- अंबर– आकाश, आसमान, गगन, फलक, नभ।
- अंतर्गत– शामिल, सम्मिलित, भीतर आया हुआ गुप्त।
- असुर– राक्षस, दैत्य, दानव, निशाचर, दनुज, यातुधान, निशिचर, रजनीचर।
- अश्व– घोड़ा, हय, तुरंग, वाजी, घोटक, सैंधव, तुरंग।
- आँख– नेत्र, दृग, नयन, लोचन, चक्षु, अक्षि, अंबक, दृष्टि, विलोचन।
- इंद्र– सुरेश, देवेंद्र, देवराज, पुरंदर, सुरपति, मघवा, वासव, महेंद्र।
- ईश्वर– प्रभु, परमेश्वर, भगवान, परमात्मा।
- गरमी– ग्रीष्म, ताप, निदाघ, ऊष्मा।
- गृह– घर, निकेतन, भवन, आलय,निवास, गेह, सदन, आगार, आयतन, आवास, निलय, धाम।
- चंद्र– चाँद, चंद्रमा, विधु, शशि, राकेश, हिमांशु, सुधांशु, सुधाकर, सुधाधर, सारंग, निशाकर, निशापति, रजनीपति,मृगांक, कलानिधि।
- पवन– वायु, समीर, हवा, अनिल।
- पत्नी– भार्या, दारा, अर्धांगनी, वामा, गृहिणी, बहू, वधू, कलत्र, प्राणप्रिया।
- दोस्त– बन्धु, मित्र, साथी, यार, सखा, हितैषी, अंतरंग, साखी, जीवन-साथी, मीत, सहायक।
- बिजली– चपला, चंचला, दामिनी, सौदामनी, विधुत्, तड़ित, बीजुरी, क्षणप्रभा।
- राजा– नृप, नृपति, भूपति, नरपति, भूप, महीप, महीपति, नरेश, राव, सम्राट्।
- रजनी– रात्रि, निशा, यामिनी, विभावरी।
- उद्यान– बगीचा, बाग, वाटिका, उपवन।
- ऊँचा– तुंग, उच्च, बुलंद, उर्ध्व, उत्ताल, उन्नत, ऊपर, शीर्षस्थ, उच्च कोटि का, बढ़िया, अच्छा, चोटी का, गगनस्पर्शी।
- ऊँघ– तंद्रा, अर्द्ध-निद्रा, झपकी, ऊँघाई।
- ऊधम– उत्पात, उपद्रव, दंगा, फ़साद, हुल्लड़, हंगामा, होहल्ला, धमाचौकड़ी।
- ऊसर– अनुपजाऊ, बंजर, अनुर्वर, वंध्या, भूमि।
- ऊधम– उपद्रव, उत्पात, धूम, हुल्लड़, हुड़दंग, धमाचौकड़ी।
- उषाकाल– प्रातः काल, सवेरा, तड़का, उदयकाल, सुबह, अमृतबेला, सूर्योदय।
- ऊल-जलूल– अव्यवस्थित, बेढंगा, बेतुका, बेमेल, अक्रमिक, अविचारित, अस्तव्यस्त।
- ऊष्मा– तपन, गर्मी, ताप, जलन।
- घृणाजनक– घृणात्मक, घनौना वितृष्णाजनक, कुत्सित, विरक्तिकर, वमनोत्पादक, अप्रीतिकर अप्रिय।
- घृणापूर्ण– अवज्ञासूचक, तिरस्कारी, घृणित, तिरस्कारपूर्ण, अवमानी, अवहेलनात्मक।
- घोषणा– उद्घोषण, ऐलान, सूचना, विज्ञप्ति, अधिसूचना, डुग्गी।
- चतुर– विज्ञ, निपुण, नागर, पटु, कुशल, दक्ष, प्रवीण, योग्य।
- चंडी– दुर्गा, अंबा, काली, कालिका, जगदंबिका, भगवती।
- चंदन– गंधराज, गंधसार, मलयज।
- चतुरानन– विधाता, ब्रह्मा, सृष्टा, सृष्टिकर्ता।
- चना– चणक, रहिला, छोला।
- चारु– कमनीय, मनोहर, आकर्षक, खूबसूरत।
- चावल– तंदुल, धान, भात।
- चूहा– मूसा, मूषक, मुसटा, उंदुर।
- चेहरा– शक्ल, आनन, मुख, मुखड़ा।
- चोरी– स्तेय, चौर्य, मोष, प्रमोष।
- योग– मेल, मिलन, संयोग, जोड़, तपस्या।
- यौवन– युवावस्था, जवानी, जोबन, तारुण्य, तरुणावस्था।
- रात्रि– निशा, क्षया, रैन, रात, यामिनी, रजनी, त्रियामा, क्षणदा, शर्वरी, तमस्विनी, विभावरी।
- रात– रात्रि, रैन, रजनी, निशा, यामिनी, तमी, निशि, यामा, विभावरी।
- रमा– इन्दिरा, हरिप्रिया, श्री, लक्ष्मी, कमला, पद्मा, पद्मासना, समुद्रजा, श्रीभार्गवी, क्षीरोदतनया।
- रक्त– खून, लहू, रुधिर, शोणित, लोहित।
- राक्षस– दैत्य, असुर, निशाचर।
- रंक– गरीब, दरिद्र, कंगाल, निर्धन, धनहीन।
- रक्तपात– खून-खराबा, मार-काट, नरसंहार, लड़ाई-झगड़ा।
- रक्षा– संरक्षण, सुरक्षा, प्रतिरक्षा, हिफाजत, बचाव, रखवाली।
- रण– लड़ाई, युद्ध, संग्राम, जंग, संघर्ष।
- रणभूमि– संग्रामभूमि, युद्धस्थल, युद्ध क्षेत्र, वीरभूमि, मैदान-ए-जंग।
- रत्नाकर– समुद्र, सागर, अर्णव, वारिध।
- भुजंग– साँप, सर्प, फनी, फणधर।
- भुज– भुजा, बाहु, बाँह, हाथ।
- भुवन– जगत, संसार, दुनिया, विश्व, ब्रह्माण्ड, जगत।
- भू– पृथ्वी, धरती, भूमि, जमीन, स्थान, जगह।
- भेंट– मिलन, मुलाकात, नजराना, तोहफा, इनाम, उपहार।
- भेषज– औषध, दवा, दवाई, औषधि।
- भोला– सीधा, सरल, उदार, निश्छल, कपटहीन।
- भ्रम– धोखा, संदेह, शक, भूल, गलतफ़हमी।
- भ्रामक– भ्रांतिमय, संदेहास्पद, संशयास्पद, भ्रमात्मक।
- मछली– मीन, मत्स्य, झख, झष, जलजीवन, शफरी, मकर।
- महादेव– शम्भु, ईश, पशुपति, शिव, महेश्र्वर, शंकर, चन्द्रशेखर, भव, भूतेश, गिरीश, हर, त्रिलोचन।
- मित्र– सखा, सहचर, स्नेही, स्वजन, सुहृदय, साथी, दोस्त।
Important [ 100 ] Paryayvachi Shabd ( पर्यायवाची शब्द ) | Synonym in Hindi
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