Anupras Alankar (अनुप्रास अलंकार) : परिभाषा, भेद और उदाहरण | Anupras Alankar in Hindi – इस आर्टिकल में हम Anupras Alankar (अनुप्रास अलंकार), अनुप्रास अलंकार किसे कहते कहते हैं, अनुप्रास अलंकार की परिभाषा, अनुप्रास अलंकार के भेद और उनके भेदों को उदाहरण के माध्यम से पढ़ेंगे। इस टॉपिक से सभी परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते है। हम यहां पर अनुप्रास अलंकार ( Anupras Alankar) के सभी भेदों/प्रकार के बारे में सम्पूर्ण जानकारी लेके आए है। hindi में अनुप्रास अलंकार ( Anupras Alankar) से संबंधित बहुत सारे प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं और राज्य एवं केंद्र स्तरीय बोर्ड की सभी परीक्षाओं में यहां से questions पूछे जाते है। Anupras Alankar in Hindi के बारे में उदाहरणों सहित इस पोस्ट में सम्पूर्ण जानकारी दी गई है। तो चलिए शुरू करते है –
अनुप्रास अलंकार की परिभाषा | Anupras Alankar Ki Paribhasha
अनुप्रास अलंकार – अनुप्रास शब्द ‘ अनु ’ तथा ‘ प्रास ’ शब्दो से मिलकर बना है।
अनु शब्द का अर्थ है – बार-बार तथा ‘ प्रास ’ शब्द का अर्थ है- वर्ण।
अनुप्रास अलंकार की परिभाषा – काव्य में जब वर्णों की आवृत्ति बार-बार होती है तो उसे अनुप्रास अलंकार कहते हैं।
अनुप्रास अलंकार में किसी एक वर्ण की आवृति होती है। आवृति का अर्थ है दुहारना जैसे – भरत-भारती मंजू मरली। उपयुक्त उदाहरणों में भ,र और त तीनों वर्णों का समूह दो बार आया है, इस कारण से इसमें अनुप्रास अलंकार है।
अनुप्रास अलंकार के उदाहरण | Anupras Alankar Ke Udaharan
► “चारु-चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही थी जल-थल में”।
यहां च वर्ण की आवृत्ति बार-बार हो रही है।
► ना में कोनो क्रिया –कर्म में नहीं योग बैराग में।
इस पंक्ति में क वर्ण की आवृत्ति बार-बार हुई है।
► मधुर मृदु मंजुल मुख मुस्कान।
‘म’ वर्ण की आवर्ती से अनुप्रास अलंकार है।
► सुरुचि सुवास सरस अनुरागा।
‘स’वर्ण की आवर्ती से अनुप्रास अलंकार है।
अनुप्रास अलंकार के भेद | Anupras Alankar Ke bhed
अनुप्रास अलंकार के भेद | Anupras Alankar Ke bhed
(i) छेका अनुप्रास
(ii) वृत्या अनुप्रास
(iii) श्रुत्या अनुप्रास
(iv) अन्तयानुप्रास
(v) लाटानुप्रास
Anupras Alankar (अनुप्रास अलंकार)
(i) छेका अनुप्रास अलंकार :- जहां एक वर्ण की आवृत्ति एक ही बार होती है,वहां ‘छेका अनुप्रास अलंकार’ होता है।
उदाहरण:-
- फूले फले राष्ट्र दिन-रात मेरा।
(फ वर्ण की आवृत्ति)। - कांटेदार कुरूप खड़े हैं।
(क वर्ण की आवृत्ति)।
(ii) वृत्या अनुप्रास अलंकार :- जहां किसी वर्ण की आवृति दो से अधिक बार हो वहां ‘वृत्याअनुप्रास‘ होता है।
उदाहरण:-
1. विरती विवेक विमल विज्ञाना।
(‘व’ वर्ण की आवृत्ति दो से अधिक बार हुई है।)
2. रस सिंगार मंजनु किये,कंजनु भंजनु नैन
अंजनु रंजनु हूँ बिना, खंजनु गंजनु नैन।
(‘अंजनु’ शब्द की आवृत्ति सात बार हुई है।)
(iii) श्रुत्या अनुप्रास :- जहां एक ही उच्चारण-स्थान वाले अधिक वर्ण एक साथ अनुकूल प्रयोग हो जो भाषा में लालित्य उत्पन्न करता उसे श्रुत्या अनुप्रास कहते है।
उदाहरण:-
1. तुलसीदास सीदत निसि-दिन देखत तुम्हारी निठुराई।
(त वर्ण की आवृत्ति)
(iv) अन्तयानुप्रास :- छंद के अंत में वर्णों की आवृत्ति जहां होती है वहां अंत्या अनुप्रास होता है।
उदाहरण:-
1. तज प्राणों का मोह आज सब मिलकर आओ,
मातृभूमि के लिए बंधुवर अलख जगाओ।
(यहां छंद के अंत मे आओ शब्द की आवृत्ति हुई है।)
(v) लाटानुप्रास :- जब कोई शब्द दो या दो से अधिक बार आए और अर्थ प्रत्येक बार एक ही हो परन्तु अन्वय (अर्थ) करने पर प्रत्येक बार अर्थ भिन्न हो तो लटानुप्रास होता है।
उदाहरण –
- पूत कपूत तो क्यों धन संचय
पूत सपूत तो क्यों धन संचय
(यहाँ पर ‘तो क्यों धन संचय’ शब्द समूह की आवर्ती हो रही है तो इसे लाटानुप्रास कहते हैं।)
यह भी पढ़े – अलंकार
अनुप्रास अलंकार के भेद-
(i) छेका अनुप्रास
(ii) वृत्या अनुप्रास
(iii) श्रुत्या अनुप्रास
(iv) अन्तयानुप्रास
(v) लाटानुप्रास
अर्थालंकार के भेद | Arthalankar ke bhed
1.उपमा अलंकार
2.रूपक अलंकार
3.उत्प्रेक्षा अलंकार
4. अतिशयक्ति अलंकार
5. मानवीकरण अलंकार
6. सन्देह अलंकार
7. दृष्टान्त अलंकार
8. दिपक अलंकार
9. उपमेयोपमा अलंकार
10. प्रतीप अलंकार
11. अनन्वय अलंकार
12. भ्रांतिमान अलंकार
13. विशेषोक्ति अलंकार
14. विभावना अलंकार
15. त्यतिरेक अलंकार
16. अपहृति अलंकार
17. अर्थान्तरन्यास अलंकार
18.उल्लेख अलंकार
19. विरोधाभाष अलंकार
20.असंगति अलंकार
21.काव्यलिंग अलंकार
22. अन्योक्ति अलंकार
शब्दालंकार के भेद | shabdalankar ke bhed
1. अनुप्रास अलंकार
2. यमक अलंकार
3. श्लेष अलंकार
4. पुनरुक्ति अलंकार
5. विप्सा अलंकार
6. वक्रोक्ति अलंकार
दोस्तो हमने इस आर्टिकल में Anupras Alankar in Hindi के साथ – साथ Anupras Alankar kise kahate hain, Anupras Alankar ki Paribhasha, Anupras Alankar ke bhed के बारे में पढ़ा। हमे उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। आपको यहां Hindi Grammar के सभी टॉपिक उपलब्ध करवाए गए। जिनको पढ़कर आप हिंदी में अच्छी पकड़ बना सकते है।