अर्थान्तरन्यास अलंकार किसे कहते हैं? | Arthantarnyas Alankar की परिभाषा एवं इसके उदाहरण

अर्थान्तरन्यास अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण

अर्थान्तरन्यास अलंकार परिभाषा,उदाहरण | Arthantarnyas Alankar in hindi – अर्थान्तरन्यास अलंकार, अर्थालंकार का भेद है। यहां पर हम त्यतिरेक अलंकार की परिभाषा तथा उदाहरण के बारे में पढ़ने जा रहे हैं, अर्थान्तरन्यास अलंकार की सम्पूर्ण जानकारी आपको इस लेख में मिल जाएगी। पोस्ट के अंत में आपके लिए परीक्षापयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्न दिए गए है।

अर्थान्तरन्यास अलंकार परिभाषा –

जब किसी सामान्य कथन से विशेष कथन का अथवा विशेष कथनसे सामान्य कथन का समर्थन किया जाय, तो ‘अर्थान्तरन्यास’ अलंकार होता है।

अर्थान्तरन्यास अलंकार के उदाहरण –

जाहि मिले सुख होत है, तिहि बिछुरे दुख होइ।
सूर-उदय फूलै कमल, ता बिनु सुकचै सोइ॥
पहले एक सामान्य बात कहीं कि जिस व्यक्ति के मिलने से सुख होता है उसके बिछड़ने से दुख होता है फिर एक विशेष बात कमल और सूर्य की कहकर इस सामान्य कथन का समर्थन किया कि जिस प्रकार सूर्य के आने से कमल को सुख होता है, पर उसके बिछुड़ जाने से कमल संकुचित हो जाता है।
बड़े न हूजे गुनन बिनु, बिरद बड़ाई पाय। 
कहत धतूरे सों कनक, गहनो गढ़ो न जाय। 
यहाँ पर सामान्य कथन का समर्थन विशेष बात से किया गया है। पहले वाक्य में सामान्य बात कही गयी है और उसका समर्थन विशेष बात कहकर किया गया है। अतः यहां पर अर्थान्तरन्यास अलंकार है।  

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