Bhayanak Ras in Hindi – इस आर्टिकल में हम भयानक रस किसे कहते हैं, के भेद/प्रकार और उनके प्रकारों को उदाहरण के माध्यम से पढ़ेंगे। इस टॉपिक से सभी परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते है। हम यहां पर भयानक रस के सभी भेदों/प्रकार के बारे में सम्पूर्ण जानकारी लेके आए है। Hindi में भयानक रस से संबंधित बहुत सारे प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं और राज्य एवं केंद्र स्तरीय बोर्ड की सभी परीक्षाओं में यहां से questions पूछे जाते है। Bhayanak ras in hindi grammar के बारे में उदाहरणों सहित इस पोस्ट में सम्पूर्ण जानकारी दी गई है। तो चलिए शुरू करते है –
भयानक रस की परिभाषा | Bhayanak Ras ki Paribhasha
भयानक रस:-भयानक रस का विषय भय है। किसी बात को सुनने, किसी वस्तु या व्यक्ति को देखने अथवा उसकी कल्पना करने से मन में भय छा जाए,तो उस वर्णन में भयानक रस विद्यमान रहता है।
अथवा
जो रस ‘ भय ‘ नामक स्थायी भाव को उदबुद्ध अथवा जाग्रत करता है, उसे भयानक रस कहा है।
प्राणियों के मन एम विकृति,अपराध, विकृत शब्द, विकृत परिस्थितियों आदि से जो विकार उत्पन्न होते है, उसे भय कहलाता है।
भयानक रस के अवयव :-
स्थाई भाव – भय ।
आलंबन ( विभाव ) – बाघ, चोर, सर्प, शून्य स्थान, भयंकर वस्तु का दर्शन आदि।
उद्दीपन ( विभाव ) – भयानक वस्तु का स्वर, भयंकर स्वर आदि का डरावनापन एवं भयंकर छेष्टाएँ।
अनुभाव – रोमांच , हाथ पांव कांपना ,नेत्र विस्फार, भागना, स्वर भंग ,उंगली काटना ,जड़ता ,स्तब्धता ,रोमांच, कण्ठावरोध , घिग्घी बंधना ,मूर्छा ,चित्कार , वैवर्ण्य , सहायता के लिए इधर-उधर देखना , शरण ढूंढना कंपन, पसीना छूटना, मूह सूखना, चिंता होना, रोमांच, मूर्च्छा, पलायन, रुदन आदि ।
संचारी भाव – त्रास, ग्लानि, दैन्य, शंका, चिंता, आवेग,दैन्य, सम्भ्रम, चिंता, सम्मोह, त्रास आदि ।
यानक रस के अवयव
स्थायी भाव :- भय
संचारी भाव :-
- त्रास
- अमर्ष
- स्मृति
- अपस्मार
- मरण
- घृणा
- शोक
- भरम
- दैन्य
- चपलता
- किंकर्तव्यमूढ़ता
- निराशा
- आशा
अनुभाव :-
- स्वेद
- पसीना छूटना
- कंपन
- रोमांच
- चिंता होना
- हाथ पांव कांपना
- नेत्र विस्फार
- भागना
- स्वर भंग
- उंगली काटना
- जड़ता
- स्तब्धता
- रोमांच
- कण्ठावरोध
- घिग्घी बंधना
- मूर्छा
- चित्कार
- वैवर्ण्य
- सहायता के लिए इधर-उधर देखना
- शरण ढूंढना
- दैन्य–प्रकाशन रुदन
- पलायन
आलंबन विभाव :-
- भयावह जंगली जानवर
- वस्तु का दर्शन
- पाप या पाप-कर्म
- सामाजिक तथा अन्य बुराइयां
- बलवान शत्रु
- हिंसक जीव-जंतु
- प्रबल अन्यायकारी व्यक्ति
- भयंकर अनिष्टकारी वस्तु
- देवी संकट
- भूत-प्रेत
उद्दीपन विभाव :-
- निस्सहाय और निर्भय होना
- शत्रुओं या हिंसक जीवों की चेस्टाएं
- आश्रय की असहाय अवस्था
- आलंबन की भयंकर चेष्टाएँ
- निर्जन स्थान
- अपशगुन
- बद-बंध
भयानक रस का स्थायी भाव | Bhayanak Ras Ka Sthayi Bhav
भयानक रस का स्थायी भाव ‘भय’ होता है ।
भयानक रस के भेद | Bhayanak Ras Ke Bhed
भानदत्त ने रसतरंगिणी में भयानक रस के दो भेद बताएं हैं:
- स्वनिष्ठ भयानक रस (Svanishth Bhayanak Ras)
- परनिष्ठ भयानक रस (Parnishth Bhayanak Ras)
स्वनिष्ठ भयानक रस: स्वनिष्ठ भयानक रस वहाँ होता है, जहाँ भय का आलंबन स्वयं आश्रय में रहता है
परनिष्ठ भयानक रस: परनिष्ठ भयानक रस वहाँ होता है, जहाँ भय का आलंबन स्वयं आश्रय में ना होकर उससे बाहर पृथक होता है. अर्थात आश्रय स्वयं अपने किये अपराध से ही डरता है.
भयानक रस के उदाहरण | Bhayanak Ras ke Udaharan
एक ओर अजगरहीं लखि एक ओर मृगराय।
विकल बटोही बीच ही परयो मूरछा खाय।।
एक ओर अजगरहि लखी, एक ओर मृगराय.
बिकल बटोही बीच ही पर्यो मूरछा खाए.
“डायन है सरकार फिरंगी, चबा रही हैं दाँतों से,
छीन-गरीबों के मुँह का है, कौर दुरंगी घातों से ।
हरियाली में आग लगी है, नदी-नदी है खौल उठी
भीग सपूतों के लहू से अब धरती है बोल उठी
इस झूठे सौदागर का यह काला चोर-बाज़ार उठे,
परदेशी का राज न हो बस यही एक हुंकार उठे।।
ऊंचे घोर मंदर के अंदर रहने वारी
ऊंचे घोर मंदर के अंदर रहाती है
कंद मूल भोग करैं कंद मूल भोग करैं
तीन बेर खाती ते वे तीन बेर खाती है। ।
उधर गरजती सिंधु लहरियाँ
कुटिल काल के जालों सी।
चली आ रहीं फेन उगलती
फन फैलाये व्यालों सी।
आज बचपन का कोमल गात
जरा का पीला पात !
चार दिन सुखद चाँदनी रात
और फिर अन्धकार , अज्ञात !
अखिल यौवन के रंग उभार, हड्डियों के हिलाते कंकाल
कचो के चिकने काले, व्याल, केंचुली, काँस, सिबार
मां ने एक बार मुझसे कहा था
दक्षिण की तरफ पैर करके मत सोना
वह मृत्यु की दिशा है
और यमराज को क्रुद्ध करना
बुद्धिमानी की बात नहीं। ।
हनुमान की पूंछ में लगन न सकी आग
लंका से सीगरी जल गई गए निशाचर भाग। ।
दोस्तो हमने इस आर्टिकल में Bhayanak Ras in Hindi के साथ – साथ Bhayanak Ras kise kahate hain, ke bhed के बारे में पढ़ा। हमे उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। आपको यहां Hindi Grammar के सभी टॉपिक उपलब्ध करवाए गए। जिनको पढ़कर आप हिंदी में अच्छी पकड़ बना सकते है।