छेकानुप्रास अलंकार :- जहां एक वर्ण की आवृत्ति एक ही बार होती है,वहां ‘छेकानुप्रास अलंकार’ होता है।
अथवा
इसमें एक वर्ण या वर्ण- समूह की एक बार आवृति होती है, अर्थात वर्ण या वर्ण-समूह दो बार आता है वहां छेकानुप्रास अलंकार होता है।
यह अलंकार शब्दालंकार के पांच भेद में से अनुप्रास अलंकार का एक भेद है।
छेकानुप्रास अलंकार के उदाहरण:-
- फूले फले राष्ट्र दिन-रात मेरा।
(फ वर्ण की आवृत्ति)। - कांटेदार कुरूप खड़े हैं।
(क वर्ण की आवृत्ति)। - परम पुनीत भरत-आचरनू।
(प वर्ण की आवृति)
Chhekanupras Alankar ke udaharan –
- अति आनन्द मगन महतारी।
( म वर्ण की आवृति) - कानन कठिन भयंकर भारी।
(क, भ वर्ण की आवृति)
अनुप्रास अलंकार के भेद –
(1) छेका अनुप्रास
(2) वृत्या अनुप्रास
(3) श्रुत्या अनुप्रास
(5) अन्तयानुप्रास
(6) लाटानुप्रास