दिपक अलंकार (Deepak Alankar)
दिपक अलंकार की परिभाषा – जब प्रस्तुत (उपमेय) और अप्रस्तुत (उपमान)को एक ही धर्म से अन्वित किया जाय।
दिपक अलंकार के उदाहरण –
✦ 'सोहत मुख कल हास सों, अमल चवन्द्रका चन्द।' यहाँ प्रस्तुत मुख और अप्रस्तुत चन्द्र दोनों को एक ही धर्म 'सोहत'से अन्वित किया गया हैं।
✦ कामिनी कन्त सों, जामिनी चन्द सों, दामिनी पावस मेघ घटा सों। जाहिर चारिहु ओर जहान लसै, हिन्दवान खुमान सिवा सों।।
✦ फल से सोहत तीर्थ थल, जल से सोहत कूप। रस से सोहत सुमन जल, बल से सोहत भूप।।
✦ सरसिज से है सर की शोभा, नयनों से तेरे आनन की।
✦ चंचल निशि उदवस रहें, करत प्रात वसिराज। अरविंदन में इंदिरा, सुन्दरि नैनन लाज।।