द्वंद्व समास की परिभाषा, भेद और इसके उदाहरण
Dvandva Samas in Hindi – इस आर्टिकल में हम द्वंद्व समास किसे कहते हैं, द्वंद्व समास के प्रकार और उनके भेदों को उदाहरण के माध्यम से पढ़ेंगे। इस टॉपिक से सभी परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते है। हम यहां पर द्वंद्व समास के सभी भेदों/प्रकार के बारे में सम्पूर्ण जानकारी लेके आए है। hindi में द्वंद्व समास से संबंधित बहुत सारे प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं और राज्य एवं केंद्र स्तरीय बोर्ड की सभी परीक्षाओं में यहां से questions पूछे जाते है। Dvandva Samas in Hindi के बारे में उदाहरणों सहित इस पोस्ट में सम्पूर्ण जानकारी दी गई है। तो चलिए शुरू करते है –
द्वंद्व समास किसे कहते कहते हैं (Dvandva Samas Kise Kahate Hain)
द्वंद्व समास की परिभाषा – दोनों पद प्रधान – विग्रह करते समय और लगेगा।
द्वंद्व समास के भेद | Dvandva Samas ke bhed
द्वंद्व समास तीन प्रकार के होते है –
1 . इतरेतर द्वंद्व
2 . समाहार द्वंद्व
3 . वैकल्पिक द्वंद्व
1 . इतरेतर द्वंद्व समास – दोनों पद प्रधान होते है।
बीच में ( हाइमन चिह्न ) लगता हैं।
विग्रह में और , आदि , इत्यादि , अथवा शब्द आते है।
इतरेतर द्वन्द्व के उदाहरण –
- माँ-बाप – माँ और बाप
- स्प्ती-पुरुष – स्त्री और पुरुष
- सुख-दुःख – सुख और दुःख
- सीधा-साधा – सीधा और साधा
- सीता-राम- सीता और राम
- तन-मन-धन – तन और मन और धन
- देश-विदेश – देश और विदेश
- हुक्का-पानी – हुक्का और पानी
- राजा-रानी- राजा और रानी
- पेड़ – पौधे – पेड़ और पौधे
- जलवायु – जल और वायु
- हानि-लाभ हानि और लाभ
- हरि हर हरि और हर
- रात-दिन – रात और दिन
- पशु-पक्षी – पशु और पक्षी
- बेटा-बेटी – बेटा और बेटी
- पचपन पचास और पाँच
- इकतीस – तीस और एक
- घटी- बढ़ी = घटी और बढ़ी
Dvandva Samas ke 100 udaharan
घटी- बढ़ी | घटी और बढ़ी |
धनी-मानी | धनी और मानी |
धनी-निर्धन | धनी और निर्धन |
धनुर्बाण | धनुष और बाण |
यश-अपयश | यश और अपयश |
घी-दूध | घी और दूध |
घी-गुङ | घी और गुङ |
घटी-बढ़ी | घटी और बढ़ी |
खट्ठा-मीठा | खट्टा और मीठा |
ऋषि-मुनि | ऋषि और मुनि |
शीतोष्ण | शीत और उष्ण |
हृष्ट-पुष्ट | हृष्ट और पुष्ट |
ऊपर-नीचे | ऊपर और नीचे |
इकतीस | तीस और एक |
बाईस | बीस और दो |
बाप-दादा | बाप और दादा |
बारह | दस और दो |
बेटा-बेटी | बेटा और बेटी |
बत्तीस | तीस और दो |
कृष्णार्जुन | कृष्ण और अर्जुन |
कंद-मूल-फल | कंद और मूल और फल |
माता-पिता | माता और पिता |
मेल-मिलाप | मेल और मिलाप |
शिव-पार्वती | शिव और पार्वती |
पिचैत्तर | सत्तर और पाँच |
छियासी | अस्सी और छह |
चिट्ठी-पत्री | चिट्ठी और पत्री |
चिट्ठी-पाती | चिट्ठी और पाती |
तिरानवें | नब्बे और तीन |
तिरेपन | पचास और तीन |
तिल-चावल | तिल और चावल |
हरि-हर | हरि और हर |
हाथ-पाँव | हाथ और पाँव |
हाथी-घोङा | हाथी और घोङा |
हानि-लाभ | हानि और लाभ |
हुक्का-पानी | हुक्का और पानी |
भाई-बहिन | भाई और बहिन |
भला-बुरा | भला और बुरा |
पशु-पक्षी | पशु और पक्षी |
पढ़ा-लिखा | पढ़ा और लिखा |
पंद्रह | दस और पाँच |
पाप-पुण्य | पाप और पुण्य |
पाला-पोसा | पाला और पोसा |
पचपन | पचास और बढ़ी |
पच्चीस | बीस और पाँच |
पेङ-पौधे | पेङ और पौधे |
राधा-कृष्ण | राधा और कृष्ण |
राधेश्याम | राधा और श्याम |
राम-कृष्ण | राम और कृष्ण |
राम-लक्ष्मण | राम और लक्ष्मण |
रात-दिन | रात और दिन |
रोटी-कपङा-मकान | रोटी, कपङा और मकान |
राजा-रंक | राजा और रंक |
राजा-रानी | राजा और रानी |
ज्ञान-विज्ञान | ज्ञान और विज्ञान |
स्त्री-पुरुष | स्त्री और पुरुष |
सीधा-सादा | सीधा और सादा |
सीता-राम | सीता और राम |
सोलह | दस और छः |
सुख-दुःख | सुख और दुःख |
सुरासुर | सुर और असुर |
सत्ताईस | बीस और सात |
उछल-कूद | उछल और कूद |
दाल-भात | दाल और भात |
दाल-रोटी | दाल और रोटी |
देवासुर | देव और असुर |
दूध-रोटी | दूध और रोटी |
छल-कपट | छल और कपट |
चौसठ | साठ और चार |
चौदह | दस और चार |
चवालीस | चालीस और चार |
चलता-फिरता | चलता और फिरता |
फल-फूल | फल और फूल |
तेंतालीस | चालीस और तीन |
तेरह | दस और तीन |
तन-मन | तन और मन |
तन-मन-धन | तन, मन और धन |
जन्म-मरण | जन्म और मरण |
जला-भुना | जला और भुना |
जलवायु | जल और वायु |
नर-नारी | नर और नारी |
नाक-कान | नाक और कान |
नदी-नाले | नदियाँ और नाले |
अङोस-पङोस | अङोस और पङोस |
अङसठ | साठ और आठ |
अमीर-गरीब | अमीर और गरीब |
अहर्निश | अहन् और निशा |
आचार-व्यवहार | आचार और व्यवहार |
आन-बान-शान | आन, बान और शान |
आना-जाना | आना और जाना |
आग-पानी | आग और पानी |
आगा-पीछा | आगा और पीछा |
अन्न-जल | अन्न और जल |
ग्यारह | दस और एक |
गाय-बैल | गाय और बैल |
गाय-भैंस | गाय और भैंस |
गौरीशंकर | गौरी और शंकर |
गेंद-डंडा | गेंद और डंडा |
लीपा-पोती | लीपना और पोतना |
लोटा-डोर | लोटा और डोर |
लाल-बाल-पाल | लाल, बाल और पाल |
लेन-देन | लेन और देन |
समाहार द्वंद्व समास – जिस द्वंद्व समास से उसके पदों के अर्थ और अर्थ के सिवा उसी प्रकार का और भी अर्थ सूचित हो या इस समास में ऐसे युग्म शब्द बनते है जिनसे दो पदों के अर्थ के अतिरिक्त कुछ और भी अर्थ निकलता है, उसे समाहार समास कहते है
समाहार का अर्थ है – समूह। दो वस्तुओं के समूह को व्यक्त करने के लिए किन्हीं दो प्रतिनिधि शब्दों द्वारा समास बना लिया जाता है ,ऐसे समासों का विग्रह करने में ‘इत्यादि’ , ‘आदि’ का प्रयोग किया जाता है।
जैसे – दाल-रोटी – यहाँ पद यह व्यक्त कर रहा है की दाल रोटी का आशय केवल दाल रोटी ही नहीं बल्कि जीवन निर्वाह या जीवन को सुचारु रूप से चलने के लिए एक आवश्यक वस्तु है।
समाहार द्वंद्व समास के उदाहरण
घर-द्वार | घर, द्वार |
घास-फूस | घास, फूस |
खान-पान | खान, पान |
खत-वत | खत |
झाङ-फूंक | झाङ, फूंक |
ऊँचा-नीचा | ऊँचा, नीचा |
हृष्ट-पुष्ट | हृष्ट, पुष्ट |
बहू-बेटी | बहू, बेटी |
बासन-बर्तन | बासन, बर्तन |
बोलचाल | बोल, चाल |
बाल-बच्चा | बाल, बच्चा |
कंकर-पत्थर | कंकर, पत्थर |
कहासुनी | कहा, सुनी |
कीङा-मकोङा | कीङा, मकोङा |
कील-कांटा | कील, कांटा |
कपङे-लत्ते | कपङे, लत्ते |
करनी-भरनी | करनी, भरनी |
काम-काज | काम, काज |
कुरता-टोपी | कुरता, टोपी |
मारपीट | मार, पीट |
मोटा-ताजा | मोटा, ताजा |
मोल-तोल | मोल, तोल |
मिठाई-सिठाई | मिठाई |
दिया बत्ती | दीया (दीपक) |
तिरसठ | तीन और साठ |
हाथ-पाँव | हाथ, पाँव |
भरा-पूरा | भरा, पूरा |
भाई-बिरादर | भाई, बिरादर |
भूत-प्रेत | भूत, प्रेत |
भूल-चूक | भूल, चूक |
भला-चंगा | भला, चंगा |
पान-वान | पान |
पान-फूल | पान, फूल |
पान-तम्बाकू | पान, तम्बाकू |
पैंतीस | पाँच और तीस |
रोक-टोक | रोक, टोक |
रोना-धोना | रोना, धोना |
साँप-बिच्छू | साँप, बिच्छू |
साग-पात | साग, पात |
उल्टा-सुलटा | उल्टा |
दाल-रोटी | दाल, रोटी |
देख-भाल | देख, भाल |
देखा-देखी | देखा, देखी |
चढ़ा-उतरी | चढ़ा, उतरी |
चमक-दमक | चमक, दमक |
चाय-पानी | चाय, पानी |
चाल-चलन | चाल, चलन |
फल-फूल | फल, फूल |
तीन-तेरह | तीन, तेरह |
तन-बदन | तन, बदन |
जंगल-झाङी | जंगल, झाङी |
जी-जान | जी, जान |
जीव-जन्तु | जीव, जन्तु |
जैसा-तैसा | जैसा, तैसा |
जलवायु | जल, वायु |
नंगा-उघारा | नंगा, उघारा |
नाच रंग | नाच, रंग |
अङोस-पङोस | पङोस |
आमने-सामने | सामने |
आहार-निद्रा | आहार, निद्रा |
आस-पास | पास |
टोपा – टाई | टोपा, टाई |
आगा-पीछा | आगा, पीछा |
अदला-बदला | बदला |
अगल-बगल | बगल |
गंवार-संवार | गंवार |
गोला-बारूद | गोला, बारूद |
लंगङा-लूला | लंगङा, लूला |
लीपा-पोती | लीपना, पोतना |
लेन-देन | लेन, देन |
लूट-मार | लूट, मार |
द्वंद्व समास के उदाहरण | Dvandva Samas ke udahran
- जैसे – आगा-पीछा = आगा,पीछा आदि
- आहार-निद्रा = आहार,निद्रा आदि
- आटा-दाल = आटा,दाल आदि
- फल-फूल = फल, फूल आदि
- पेड़-पौधे = पेड़,पौधे आदि
- नोन-तेल = नमक,तेल आदि
- जलवायु = जल, वायु आदि
- उछल-कूद = उछल,कूद आदि
- कपड़ा-लता = कपड़ा,लता आदि
- करनी-भरनी = करनी,भरनी आदि
- काम-काज = काम, काज आदि
- कुरता -टोपी = कुरता ,टोपी आदि
- खान-पान = खान,पान आदि
- खाना-पीना = खाना ,पीना आदि
- खेत-खलिहान = खेत ,खलिहान आदि
- चाय-चीनी = चाय ,चीनी आदि
- चाय-पानी = चाय ,पानी आदि
- बचा-खुचा = बचा,खुचा आदि
- बहु-बेटी = बहु,बेटी आदि
- बाप-दादा = बाप,दादा आदि
- बाल-बच्चा = बाल,बच्चा आदि
- भूल-चूक = भूल,चूक आदि
- भूत-प्रेत = भूत,प्रेत आदि
- मेल-मिलाप = मेल,मिलाप आदि
- मोल-तोल = मोल,तोल आदि
- रुपया -पैसा = रूपया,पैसा आदि
- लूट-मार = लूट,मार आदि
- जीव-जंतु = जीव,जंतु आदि
- काम-काज = काम,काज आदि
- दिया बाती = दिया ,बाती आदि
- कंकर-पत्थर = कंकर ,पत्थर आदि
- आहार-निद्रा = आहार,निद्रा आदि
- चाल-चलन = चाल ,चलन आदि
- रहन-सहन = रहन,सहन आदि
- बोलचाल = बोल,चाल आदि
- भला-चंगा = भला,चंगा आदि
- साग-पात = साग,पात आदि
- चमक-दमक = चमक,दमक आदि
- कील-कांटा = कील,कांटा आदि
- देखभाल = देख,भाल आदि
- कहासुनी = कहा ,सुनी आदि
- ऊँचा-नीचा = ऊँचा,नीचा आदि
- नंगा-उघारा = नंगा ,उघारा आदि
- करनी-भरनी = करनी,भरनी आदि
- खत-वत = खत,वत आदि
- उल्टा-सुलटा = उल्टा,सुलटा आदि
- गँवार-संवार = गँवार,संवार आदि
- अगल-बगल = अगल,बगल आदि
- आस- पास = पास आदि
- आमने-सामने = सामने आदि
- पान-वान = वान आदि
वैकल्पिक द्वंद्व समास – इस समास में बहुधा परस्पर विरोधी शब्दों का मेल होता है।
इस समास में दो शबों के बीच ‘या, अथवा ‘ आदि विकल्प सूचक अव्यय का लोप होता है।
शीतोष्ण | शीत या उष्ण |
शादी-गमी | शादी या गमी |
शस्त्रास्त्र | शस्त्र या अस्त्र |
ऊँच-नीच | ऊँच या नीच |
इधर-उधर | इधर या उधर |
बीस-पच्चीस | बीस से पच्चीस तक |
कर्मधर्म | कर्म या धर्म |
कर्तव्या कर्तव्य | कर्तव्य अथवा अकर्तव्य |
मारपीट | मार या पीट |
थोङा-बहुत | थोङा या बहुत |
हानि-लाभ | हानि या लाभ |
भला-बुरा | भला या बुरा |
पाँच-दस | पाँच से लेकर दस तक |
पाप-पुण्य | पाप या पुण्य |
राग-विराग | राग या विराग |
सौ-दो सौ | सौ दो सौ तक |
साग-पात | साग या पात |
सुख-दुःख | सुख या दुःख |
उल्टा-सुल्टा | उल्टा या सुल्टा |
दो-चार | दो से चार तक |
दो-तीन | दो से तीन तक |
दस-बीस | दस से बीस तक |
दस-बारह | दस से बारह तक |
दस-पाँच | दस से पाँच तक |
जीवन-मरण | जीवन या मरण |
जात-कुजात | जात या कुजात |
नौ-दस | नौ से दस तक |
आठ-दस | आठ से दस तक |
आज-कल | आज या कल |
लाख-दो लाख | लाख से दो लाख |
Dvandva Samas ke udaharan
- जात – कुजात = जात या कुजात
- धर्माधर्म = धर्म या अधर्म
- पाप- पुण्य = पाप या पुण्य
- थोड़ा- बहुत = थोड़ा या बहुत
- सुख -दुःख = सुख या दुःख
- लाभ- हानि = लाभ या हानि
- जीवन-मरण = जीवन या मरण
- भला- बुरा = भला या बुरा
- राग-विराग = राग या विराग
- सर्दी-गर्मी = सर्दी या गर्मी
- मारपीट = मार या पीट
- लाभालाभ = लाभ या अलाभ
नोट – अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण भी कभी कभी संज्ञा के सदृश्य प्रयुक्त होते है तो ऐसी स्थिति में इन्हे वैकल्पिक द्वंद्व माना जाता है।
जैसे –
- सौ-दो सौ = सौ या दो सौ
- एक – दो = एक या दो
- दो -चार = दो या चार
- दस- बीस = दस या बीस
- लाख- दो लाख = लाख या दो लाख
द्वन्द्व समास के उदाहरण | Dvandva Samas ke Udaharan
- अन्न-जल – अन्न और जल
- कृष्णार्जुन – कृष्ण और अर्जुन
- सुख – दुःख – सुख और दुःख
- माता – पिता – माता और पिता
- गाय – भैंस – गाय और भैंस
- घी – गुड़ – घी और गुड़
- दाल – रोटी – दाल और रोटी
- दिन-रात – दिन और रात
- शीतातप – शीत या आतप
- काला-गोरा – काला और गोरा
- दाल-रोटी – दाल और रोटी
- थोड़ा- बहुत – थोड़ा या बहुत
- सुख -दुःख – सुख या दुःख
- लाभ- हानि – लाभ या हानि
- जीवन-मरण – जीवन या मरण
- भला- बुरा – भला या बुरा
- राग-विराग – राग या विराग
- यशापयश – यश या अपयश
- शीतोष्ण – शीत या उष्ण
- सुरासुर – सुर या असुर
- देश-विदेश – देश और विदेश
- भला-बुरा – भला और बुरा
- धर्माधर्म – धर्म या अधर्म
- जलवायु – जल और वायु
- सम्मान-अपमान – सम्मान और अपमान
- अपना-पराया – अपना या पराया
समास के अन्य भेद –
1. अव्ययी भाव समास
2. तत्पुरुष समास
3. कर्मधारय समास
4. द्विगु समास
5. बहुब्रीहि समास
दोस्तो हमने इस आर्टिकल में Dvandva Samas in Hindi के साथ – साथ Dvandva Samas kise kahate hain, Dvandva Samas ke bhed के बारे में पढ़ा। हमे उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। आपको यहां Hindi Grammar के सभी टॉपिक उपलब्ध करवाए गए। जिनको पढ़कर आप हिंदी में अच्छी पकड़ बना सकते है।