कोष्ठक चिन्ह: परिभाषा, भेद और उदाहरण| Kostak chinh in hindi – हिंदी भाषा हमारी मातृभाषा है। हिंदी भाषा को लिखते हुए हम बहुत सारे चिन्हों का प्रयोग करते हैं जैसे:- पूर्ण विराम चिन्ह, कोष्ठक चिन्ह, अल्प विराम चिन्ह विराम आदि। इस लेख हम कोष्ठक चिन्ह किसे कहते है। कोष्ठक चिन्ह के प्रयोग एवं कोष्ठक चिन्ह के उदाहरण के बारे में विस्तार से जानने वाले हैं। तो इस लेख की मदद से, आप आज इस विषय को बेहतर तरीके से जान पाएंगे। तो चलिए लेख शुरू करते हैं –
कोष्ठक किसे कहते हैं?
कोष्ठक चिन्ह प्रयोग अर्थ को और अधिक स्पस्ट करने के लिए शब्द अथवा वाक्यांश को कोष्ठक के अन्दर लिखकर किया जाता है।
कोष्ठक () {} [] – वाक्य में प्रयुक्त किसी शब्द का अर्थ प्रकट करने हेतु
कोष्ठक चिन्ह के उदाहरण – Kostak chinh Ke Udaharan
✦ मुँह की उपमा मयंक ( चन्द्रमा) से दी जाती है।
✦ विश्वामित्र (क्रोध में काँपते हुए) ठहर जा।
✦ धर्मराज (युधिष्ठिर) सत्य और धर्म के संरक्षक थे।
✦ हनुमान (पवन कुमार) जी चले जडीबूठी लक्ष्मण के लिए।
कोष्ठक चिन्ह के वाक्य Kostakk chinh ke vakya
✦ चन्द्रगुप्त — ( खिन्न होकर ) मैं क्या न करूँ? ( ठहर कर )
✦ किन्तु नहीं, मुझे विवाद करने का अधिकार नहीं।