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क्रिया ( Verb) – क्रिया किसे कहते हैं? परिभाषा, भेद एवं उदाहरण | Kriya in Hindi

क्रिया किसे कहते है?

क्रिया की परिभाषा – वाक्य में प्रयुक्त शब्द अथवा शब्द समूह जिसके द्वारा किसी कार्य का होना या करना पाया जाता है, उसे क्रिया कहते है।

क्रिया के उदाहरण

रोहन खाना खाता है। 
✦ राधा खाना खा रही है।   
✦ प्रिया खाना पकाएगी। 
✦ वह बाजार जा रही है। 

क्रिया की परिभाषा

जिस शब्द के द्वारा किसी कार्य के करने या होने का बोध होता है, उसे क्रिया कहा जाता है। क्रिया एक विकारी शब्द है, जिसका अर्थ काम होता है।

क्रिया के उदाहरण | Kriya ke Udahran
✦ सीता चाय बना रही है।
✦ मनीष पत्र लिखता है।
✦ राम ही सदा लिखता है।
✦ जयराम दूध पी रहा है।

kriya in Hindi

क्रिया शब्द

वे शब्द जिनसे किसी कार्य या काम के होने का बोध होता हो उन्हें क्रिया शब्द कहते हैं। किसी वाक्य में कर्ता जिस कार्य को कर रहा होता है उस कार्य का बोध करवाने वाले शब्दों को क्रिया शब्द कहा जाता है। जैसे – खेलना, आना, जाना।

क्रिया शब्द के उदाहरण

✦ खेलना
✦ आना
✦ जाना
✦ कूदना
✦ नाचना
✦ पीना
✦ चलना
✦ नहाना
दौड़ना
चलना
बात करना
गाना
बोलना
खाना
रोना
खींचना

धातु – क्रिया का मूल रूप धातु धातु कहलाता है। जैसे- हँस, पढ़, लिख , जा, आ, गा , खेल, पा, खा आदि। 
इन मूल धातुओं से ही क्रिया का निर्माण होता है। जैसे- ‘खा’ से  खाता है , खाती है , खा रहा है , खायेगी तथा ‘लिख’ से लिखता है, लिख रहा है, लिखेगा आदि। 

क्रिया एवं धातु में अंतर –

क्रियाधातु
पढ़नापढ़
लिखनालिख
खानाखा
पीना पी 
खेलनाखेल
कूदना  कूद 
गानागा
दौड़नादौड़ 
Kriya in hindi

क्रिया के भेद | Kriya ke bhed
क्रिया को कर्म, काल और संरचना (प्रयोग) के आधार पर विभाजित किया जाता है
काल के अधार पर क्रिया को दो भागो में बाटा गया है –
1. सकर्मक क्रिया
2. अकर्मक क्रिया

Kriya ke bhed

1. सकर्मक क्रिया | Sakarmak Kriya –

सकर्मक क्रिया किसे कहते हैं | Sakarmak Kriya Kise Kahate Hain

सकर्मक का अर्थ है – ‘कर्म के साथ ‘ अर्थात जब किसी वाक्य में कर्म के साथ क्रिया का पयोग होता है  
सकर्मक की परिभाषा- जिस क्रिया के द्वारा कार्य का फल कर्ता पर न पढ़कर ,कर्म पर पड़ता है, वह सकर्मक क्रिया कहलाती है।

सकर्मक क्रिया के उदाहरण

✦ राम आम खाता है।                                
✦ शीतल खाना पकाती है। 
✦ सरोज कविता सुना रही है। 
✦ चिराग चाय पी रहा है। 
✦ श्याम टी . वी. देख रहा है।

उपर्युक्त वाक्यों में खाना, पीना, सुनना, देखना , पकाना आदि क्रियाओ का फल इनके कर्ता पर न पढ़कर ,इनके कर्म (आम,कविता, टीवी ,खाना ) पर पड़ रहा है। अतः ये सकर्मक क्रिया है। 

2. अकर्मक क्रिया | Akarmak Kriya – 

अकर्मक क्रिया किसे कहते हैं | Akarmak Kriya Kise Kahate Hain

अकर्मक की परिभाषा – जिस क्रिया के द्वारा कार्य का फल सीधा कर्ता पर पड़ता है ,वह अकर्मक क्रिया कहलाती है। अर्थात जब किसी वाक्य में कर्म के नहीं होने पर भी कर्ता और क्रिया से ही वाक्य का भावार्थ स्पष्ट हो जाता है तो वह अकर्मक क्रिया कहलाती है।

अकर्मक क्रिया के उदाहरण

✦ सीमा नाचती है। 
✦ बच्चा हँसता है। 
✦ राम सोता है। 
✦ घोड़ा दौड़ता है। 
✦ चोर भाग रहा है। 

1. एककर्मक क्रिया 
2. बहुकर्मक क्रिया

उपर्युक्त वाक्यों में कर्म का प्रयोग नहीं हुआ है फिर भी वाक्य का पूर्ण  भाव स्पष्ट हो रहा है 
अतः इन वाक्यों में प्रयुक्त सभी क्रियाएं अकर्मक है। 

क्रिया के अकर्मक एवं सकर्मक रूप की पहचान करना –

क्रिया के अकर्मक एवं सकर्मक रूप की पहचान करने के लिए वाक्य के क्रिया रूप से पहले ‘क्या’ शब्द लिखकर प्रश्न करने पर यदि वहाँ ‘क्या’ कोई उत्तर दिया जा सकता है तो क्रिया हमेशा ‘सकर्मक’ मानी जाती है तथा यदि ‘क्या’ का कोई भी उतर नहीं दिया जाता है तो वहाँ ‘अकर्मक क्रिया’ मानी जाती है। 

नोट – कर्म की संख्या के आधार पर क्रिया के को दो भागो में और विभाजित किया जाता है –

1. एककर्मक क्रिया
2. बहुकर्मक क्रिया 

1. एककर्मक क्रिया – यदि वाक्य में केवल एक ही कर्म हो तो वह एककर्मक क्रिया होती है।

जैसे- 
✦ श्याम पुस्तक पढ़ता है। 
✦ राधा खाना खाती है। 

2. बहुकर्मक क्रिया – यदि वाक्य में एक से अधिक कर्म हो तो वह बहुकर्मक क्रिया होती है। 

 जैसे- 
✦ रीना टीना को किताब पढ़ा रही है।
✦ ज्योति प्रिया को पत्र लिख रही है। 

विशेष – किसी वाक्य में यदि ‘देना ‘ क्रिया का प्रयोग हो रहा और वहां ‘दान ‘ की भावना हो तो जिसको दान दिया जाता है वह ‘सम्प्रदान’ करक होता है। अतः ऐसे वाक्यों में द्विकर्मक क्रिया न मानकर एककर्मक क्रिया मानी जाती है। 

जैसे 
✦ रोहन ने मोहन को कपड़े दिए।
✦ राजा ने भिखारी को सोने के सिक्के दिए।
✦ मोनू ने सोनू को पांच सौ रुपये दिए। 
✦ सेठ ने ब्राह्मण को धन  दिया।
यदि देने में दान की भावना न होकर ‘दंड’ या ‘सजा ‘ की भावना हो , तो वहां द्विकर्मक क्रिया मानी जाती है। 

जैसे- 
✦ शिक्षक ने विद्यार्थी को दंड दिया।

काल के आधार पर –
काल के आधार पर क्रिया को तीन भागो में बाँटा गया है –
1. वर्तमानकालिक क्रिया
2. भूतकालिक क्रिया
3. भविष्यकालिक क्रिया

क्रिया इन हिंदी

1. वर्तमानकालिक क्रिया –  क्रिया के जिस रूप में वर्तमान समय में कार्य का पूर्ण होना पाया जाता है ,वह वर्तमानकालिक क्रिया कहलाती है। 

जैसे –
✦ उमेश सेब खाता है। 
✦ दिनेश पुस्तक पढ़ रहा है।
✦ नवीन खाना खा रहा होगा।
✦ नवीन क्रिकेट खेल रहा है। 

2. भूतकालिक क्रिया – क्रिया के जिस रूप में भूत काल में ( बीते हुए समय में ) कार्य का पूर्ण  होना पाया जाता है, भूतकालिक  क्रिया कहलाती है। 

जैसे- 
✦ उमेश जयपुर गया।
✦ वह खाना खा चुकी है।
✦ सीता भोजन पका चुकी है। 
✦ उसने ताजमहल देखा था। 

3. भविष्यकालिक क्रिया – क्रिया के जिस रूप में भविष्य काल ( आने वाले समय में ) कार्य का पूर्ण होना पाया जाता है , वह भविष्यकालिक क्रिया कहलाती है। 

जैसे- 
✦ उमेश जयपुर जायेगा।
✦ पुनीत खाना खायेगा।
✦ राधा  बाजार जाएगी।
✦ सीता उपन्यास लिखेगी। 

प्रयोग (संरचना ) के आधार पर –
प्रयोग तथा संरचना के आधार पर क्रिया के भेद
1. सामान्य क्रिया

2. संयुक्त क्रिया
3. प्रेरणार्थक क्रिया
4. नामधातु क्रिया
5. पूर्वकालिक क्रिया

क्रिया (kriya)

सामान्य क्रिया किसे कहते हैं | Samanya Kriya Kise Kahate Hain

1. सामान्य क्रिया – यदि वाक्य में केवल एक क्रिया का प्रयोग  होता है ,तो वह सामान्य क्रिया कहलाती है। 

सामान्य क्रिया के उदाहरण | samanya kriya ke udaharan

✦ राधा खाये।
✦ श्याम नहाया।
✦ नीतू गया।
✦ बच्चा रोया। 

संयुक्त क्रिया किसे कहते हैं | Sanyukt Kriya Kise Kahate Hain

2. संयुक्त क्रिया – जब वाक्य में दो क्रिया हो  अर्थात एक क्रिया के साथ दूसरी क्रिया जोड़ दी जाती है ,तो वहाँ संयुक्त क्रिया होती है। 

संयुक्त क्रिया के उदाहरण | Sanyukt Kriya Ke Udaharan

✦ राम आम खाता है।
✦ सीता गाना गाने लगी।
✦ श्याम पत्र पढ़ने लगा। 

प्रेरणार्थक क्रिया किसे कहते हैं | Prernarthak Kriya kise Kahate Hain

3. प्रेरणार्थक  क्रिया – जब वाक्य में कर्ता दूसरे की प्रेरणा से या सहायता से कार्य करवाता है अर्थात जब कर्ता खुद से कोई कार्य नहीं करता है ,तो वहाँ प्रेरणार्थक क्रिया होती है। 

प्रेरणार्थक क्रिया के उदाहरण | Prernarthak Kriya Ke Udaharan

✦ सीता ने गीता से कपड़े धुलवाये है।
✦ राम श्याम से गृहकार्य करवाता है।
✦ राम श्याम से पत्र लिखवाता है। 

नामधातु क्रिया किसे कहते हैं | NaamDhatu Kriya Kriya Kahate Hain

4. नामधातु क्रिया – जब वाक्य में संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्दों को क्रिया की तरह काम में लिया जाता है ,तो वहाँ नामधातु क्रिया होती है। यहाँ वास्तव में किसी क्रिया का प्रयोग नहीं होता है। 

नामधातु क्रिया के उदाहरण (NaamDhatu Kriya ke Udaharan

✦ सीता श्याम को देखकर शर्माने लगी।
✦ गीता राम को झुठलाने लगी।
✦ हीटर से कमरा गर्माने लगा। 

पूर्वकालिक क्रिया किसे कहते हैं | Purv Kalik Kriya Kise Kahate Hain

5. पूर्वकालिक क्रिया – जब वाक्य में एक कार्य होने के बाद कोई दूसरा कार्य होता है ,तो वहाँ पूर्वकालिक क्रिया होती है। 

पूर्वकालिक क्रिया के उदाहरण | Purv Kalik Kriya Ke Udaharan

✦ राधा अभी जोधपुर होकर आई है।
✦ श्याम खाना खा कर पढ़ने लग गयी।
✦ राम अभी सोकर  उठा है। 

दोस्तो हमने इस आर्टिकल में kriya in hindi के साथ – साथ kriya kise kahate hain, kriya ki Paribhasha, kriya ke bhed के बारे में पढ़ा। हमे उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। आपको यहां Hindi Grammar के सभी टॉपिक उपलब्ध करवाए गए। जिनको पढ़कर आप हिंदी में अच्छी पकड़ बना सकते है।

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