क्रिया किसे कहते हैं? परिभाषा, भेद और उदाहरण in Hindi
- माँ पिता जी को समझा रही हैं ।
- कार चल रही है ।
- सोहन विद्यार्थियों को पढ़ा रहा है ।
उपर्युक्त वाक्यों में कुछ – न – कुछ कार्य हो रहा है । इन कार्यों का पता इन वाक्यों में आए . शब्दों से चल रहा है । ये शब्द हैं – समझा रही हैं , चल रही है , पढ़ा रहा है , ऐसे शब्द क्रिया कहलाते हैं ।
क्रिया एक विकारी शब्द है । अत : लिंग , वचन और कारक क्रिया की रूप – रचना पर प्रभाव डालते हैं , अर्थात् इनके कारण क्रिया शब्दों में विकार ( परिवर्तन ) आ जाता है ।
प्रत्येक वाक्य में क्रिया का होना आवश्यक होता है ।
हिंदी में क्रिया वाक्य के अंत में आती है ।
कुछ वाक्यों में एक से अधिक क्रियाएँ भी होती हैं ।
माता ने पूछा- “ इतनी देर तक कहाँ थे ? ”
” सिद्धार्थ के घर । ”
दूसरे वाक्य में क्रिया नहीं है । फिर भी यह वाक्य पूर्ण है । वाक्य में कई बार क्रिया लुप्त रहती है । यह वाक्य इस प्रकार पूर्ण होगा — ‘ सिद्धार्थ के घर था ।
धातु ( Root )
क्रिया का मूल रूप – प्रत्येक क्रिया का मूल रूप होता है । इसे धातु कहते हैं । लिंग , काल और अवस्था से इसका रूप बदलता है । मूल रूप के साथ ‘ ना ‘ लगाकर नया शब्द बनाया जाता है । जाग , उठ , बैठ , पढ़ , लिख , हँस आदि क्रिया के मूल रूप हैं । इनके साथ ‘ ना ‘ लगाने पर इनके रूप निम्नलिखित होंगे
- जाग + ना = जागना
- पढ़+ ना = पढ़ना
- उठ + ना = उठना
- लिख + ना = लिखना
- बैठ + ना = बैठना
- हँस + ना = हँसना
क्रिया के भेद ( Kinds of Verb )
( क ) कर्म के आधार पर क्रिया के भेद ( Verb Based on Function )
कर्म के आधार पर क्रिया के दो भेद हैं
- सकर्मक क्रिया ( Transitive Verb )
- अकर्मक क्रिया ( Intransitive Verb )
( 1 ) सकर्मक क्रिया ( Transitive Verb ) – जिन क्रियाओं का कर्म होता है और क्रिया का फल कर्म पर पड़ता है , उन्हें सकर्मक क्रिया कहते हैं ।
- आँचल टेलीविजन देख रही है ।
- महेंद्र पुस्तक पढ़ता है ।
इन वाक्यों में टेलीविजन और पुस्तक कर्म हैं । इन क्रियाओं का फल आँचल और महेंद्र पर न पड़कर टेलीविजन और पुस्तक पर पड़ रहा है , इसलिए ये सकर्मक क्रियाएँ हैं ।
क्रिया के साथ क्या , किस , किसको प्रश्न करने पर यदि उत्तर मिल जाता है तो क्रिया सकर्मक होती है ।
सकर्मक क्रिया के भेद – सकर्मक क्रिया प्रायः दो प्रकार की होती है
( क ) एककर्मक क्रिया ( Single Object Verb )
( ख ) द्विकर्मक क्रिया ( Verb with Two objects )
( क ) एककर्मक क्रिया ( Single Object Verb ) – जिन क्रियाओं का एक कर्म होता है , वे एककर्मक क्रिया कहलाती है ।
- रेशमा पेन से लिखती है ।
- रेखा झाडू से सफाई करती है ।
इन वाक्यों में ‘ पेन ‘ , ‘ झाडू ‘ कर्म हैं ।
( ख ) द्विकर्मक क्रिया ( Verb with Two Objects ) – जिन क्रियाओं के दो कर्म होते हैं , उन्हें द्विकर्मक क्रिया कहते हैं ।
- माँ बेटी को रोटी बनाना सिखाती है ।
- अध्यापक विद्यार्थियों को कविता पढ़ाता है ।
इन वाक्यों में बेटी , रोटी तथा विद्यार्थियों , कविता कर्म हैं । प्रत्येक क्रिया के दो कर्म होने के कारण ये द्विकर्मक क्रियाएँ हैं ।
( 2 ) अकर्मक क्रिया ( Intransitive verb ) – जिन क्रियाओं का कर्म नहीं होता तथा क्रिया का फल कर्ता पर पड़ता हो , वे क्रियाएँ अकर्मक क्रिया कहलाती हैं ।
- राधा गा रही है ।
- सुभाष जाता है ।
इन वाक्यों में ‘ गा ‘ तथा ‘ जाता ‘ अकर्मक क्रियाएँ हैं ।
( ख ) प्रयोग और संरचना के आधार पर क्रिया के भेद ( Verb Based on Formation and its use )
प्रयोग और संरचना की दृष्टि से क्रिया के छह भेद होते हैं
- सामान्य क्रिया ( Simple Verb )
- संयुक्त क्रिया ( Compound Verb )
- नामधातु क्रिया ( Nominal Verb )
- प्रेरणार्थक क्रिया ( Causative verb )
- पूर्वकालिक क्रिया ( Gerundive Verb )
- कृदंत क्रिया ( Suffix – ending Verb )
( 1 ) सामान्य क्रिया ( Simple Verb ) – किसी वाक्य में एक ही क्रिया हो तो उसे सामान्य क्रिया कहते हैं ; जैसे
- रमेश गया ।
- रीटा जागी ।
- विशाल नहाया ।
- अनुपमा भागी ।
( 2 ) संयुक्त क्रिया ( Compound Verb )
- माता जी कार्यालय से लौट आईं ।
- शीतल ने भोजन कर लिया ।
- रेलगाड़ी चल पड़ी ।
- घंटी बज गई ।
इन वाक्यों में एक से अधिक क्रियाएँ प्रयोग की गई हैं । वाक्य ( क ) में लौट ( लौटना ) तथा आई ( आना ) क्रियाएँ हैं । वाक्य ( ख ) में कर ( करना ) तथा लिया ( लेना ) क्रियाएँ हैं । वाक्य ( ग ) में चल ( चलना ) तथा पड़ी ( पड़ना ) क्रियाएँ हैं । वाक्य ( घ ) में बज ( बजना ) और गई क्रियाएँ हैं ।
इन सभी वाक्यों में एक से अधिक क्रियाएँ हैं , इसलिए इन्हें संयुक्त क्रियाएँ कहते हैं ।
जिन वाक्यों में संयुक्त क्रियाएँ होती हैं , उनमें पहली क्रिया मुख्य – क्रिया होती है । शेष क्रियाएँ मुख्य – क्रिया की सहायक होती हैं । मुख्य – क्रिया के साथ आने वाली अन्य क्रियाएँ रंजक क्रियाएँ कहलाती है ।
( 3 ) नामधातु क्रिया ( Nominal Verb )
- बच्चों को हर समय फटकारना नहीं चाहिए ।
- तारों का टिमटिमाना मन मोह लेता है ।
इन वाक्यों में फटकार संज्ञा शब्द से फटकारना क्रिया बनी है । टिमटिमाना क्रिया अनुकरणवाची शब्द टिमटिम से बनी है । ऐसी क्रियाएँ नामधातु क्रियाएँ कहलाती हैं ।
संज्ञा , सर्वनाम , विशेषण आदि शब्दों से बनने वाली क्रियाएँ , नामधातु क्रियाएँ कहलाती हैं ; जैसे – रंगना , लजाना , चकराना , अपनाना , दोहराना , थरथराना , खटखटाना आदि ।
( 4 ) प्रेरणार्थक क्रिया ( Causative verb )
- अनूप अंजना को चित्र दिखाता है ।
- ऋतेश ने नौकर से कार्यालय खुलवाया ।
- मीनाक्षी ने पुत्र को दलिया खिलाया ।
- विश्वनाथ पूनम को पढ़ाता है ।
इन वाक्यों में दिखाता , खुलवाया , खिलाया , पढ़ाता क्रियाएँ हैं । ये क्रियाएँ अंजना , नौकर , पुत्र और पूनम के द्वारा हो रही हैं , परंतु इन क्रियाओं को करने की प्रेरणा अनूप , ऋतेश , मीनाक्षी और विश्वनाथ दे रहे हैं । ऐसी क्रियाएँ प्रेरणार्थक क्रियाएँ कहलाती हैं ।
( 5 ) पूर्वकालिक क्रिया ( Gerundive Verb )
- वंदना ने कविता पढ़कर सुनाई ।
- रेखा सबसे मिलकर अमरावती गई ।
वाक्यों में दो – दो क्रियाएँ हैं । वाक्य ( क ) में पढ़कर और सुनाई तथा वाक्य ( ख ) में मिलकर और गई क्रियाएँ हैं । जो क्रिया पहले होती हैं , उसे पूर्वकालिक क्रिया कहते हैं । ‘ पढ़कर ‘ तथा ‘ मिलकर ‘ पूर्वकालिक क्रियाएँ हैं , क्योंकि ये पहले हुई हैं ।
मूलधातु के साथ ‘ कर ‘ अथवा ‘ करके ‘ प्रयोग करके पूर्वकालिक क्रिया बनती है ।
( 6 ) कृदंत क्रिया ( Suffix – ending Verb ) – चल , लिख , पढ़ आदि मूलधातु हैं । इनके साथ ता , ना , कर आदि प्रत्यय लगाकर क्रिया बनाते हैं । ऐसी क्रियाएँ कृदंत क्रियाएँ कहलाती हैं ।
जो क्रियाएँ , क्रिया शब्दों के अंत में प्रत्यय ( Suffix ) लगाकर बनती हैं , उन्हें कृदंत क्रियाएँ कहते हैं ; जैसे
- चल + ना = चलना
- चल + कर = चलकर
- लिख + ता = लिखता
- चल + ता= चलता
- लिख + ना = लिखना
- लिख + कर = लिखकर
चलना , चलता , चलकर , लिखना , लिखता , लिखकर कृदंत क्रियाएँ हैं ।
पूरक ( Complement )
कुछ वाक्यों में है , हैं , हूँ , हो , था , थी , थे , थीं का प्रयोग पूर्ण क्रिया के रूप में होता है । फिर इनके साथ कोई अन्य क्रिया नहीं आती । ऐसी स्थिति में वाक्यों के अर्थ को पूरा करने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है , उन्हें पूरक कहते हैं । यदि वाक्य से पूरक को हटा दिया जाए तो वाक्य का अर्थ पूरा नहीं होगा ।
निम्नलिखित वाक्यों में रंगीन शब्द पूरक हैं
- मैं अध्यापक हूँ।
- गीता की बड़ी बहन नर्स है।
- रमा घर में थी।
- दशरथ अयोध्या के राजा थे।
- वे डॉक्टर है।
- तुम ईमानदार नहीं हो।
- वह किसान था।
- सभी महिलाये प्रसन्न थी।
सहायक क्रिया ( Helping Verb )
वाक्य में जो शब्द मुख्य क्रिया की सहायता करते हैं , उन्हें सहायक क्रिया कहते हैं ; जैसे
- वह प्रातःकाल घूमने जाता है ।
- मैं कभी झूठ नहीं बोलती हूँ ।
- तुम विद्यालय कब जाते हो ?
- वे इस विद्यालय में पढ़ते हैं ।
- वे लोग इस मकान में रहते थे ।
उपर्युक्त वाक्यों में घूमने जाता ‘ , ‘ बोलती ‘ , ‘ जाते ‘ , ‘ पढ़ते ‘ और ‘ रहते ‘ मुख्य क्रियाएँ हैं तथा है ‘ , हूँ ‘ , ‘ हो ‘ , हैं ‘ थे ‘ इनकी सहायता कर रही है ; अत : ये सहायक क्रियाएँ हैं ।