संबंधबोधक शब्द अविकारी होते हैं । इन्हें समझने के लिए निम्नलिखित वाक्यों को पढ़िए
- लक्ष्मण राम के साथ वन गया ।
- पिता जी राजू के लिए कपड़े लाए हैं ।
- वह बुखार के कारण कमजोर हो गया ।
- विशाल के समान ईमानदार बनो ।
- घर के आस – पास लोग खड़े हैं ।
- शिक्षा के बिना मनुष्य पशु है ।
उपर्युक्त वाक्यों में के साथ , के लिए , के कारण , के समान , के आस – पास और के बिना शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्द के साथ संबंध जोड़ रहे हैं ; अतः ये शब्द संबंधबोधक अव्यय है । संबंधबोधक अव्ययों को यदि वाक्यों से निकाल दें तो वाक्य बिखर जाते हैं ।
संबंधबोधक अव्यय के भेद ( Kinds of Post Position )
संबंधबोधक अव्यय दो प्रकार के होते हैं
( 1 ) सामान्य संबंधबोधक – सामान्य संबंधबोधक अव्यय विभक्ति रहित होते हैं ; जैसे
- पांडव वर्षों तक जंगल में भटकते रहे ।
- हमारा काम राम भरोसे चल रहा है ।
- ज्ञान बिना जीवन व्यर्थ है ।
इन वाक्यों में संबंधबोधक अव्ययों वर्षों तक , भरोसे और बिना के साथ विभक्ति – चिह्न नहीं है ; अत : ये सामान्य संबंधबोधक अव्यय हैं ।
( 2 ) विभक्तियुक्त संबंधबोधक – इन अव्ययों के साथ विभक्ति – चिह्न होते हैं ; जैसे
- मेरे स्कूल के सामने एक पेड़ है ।
- दरवाजे के बाहर कोई खड़ा है ।
- वह नाना के यहाँ पढ़ता है ।
संबंधबोधक और क्रिया – विशेषण में अंतर
- संबंधबोधक अव्यय संज्ञा या सर्वनाम का संबंध अन्य शब्दों से जोड़ते हैं , जबकि क्रियाविशेषण शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं ।
- संबंधबोधक अव्ययों से पहले विभक्ति – चिह्न भी लगे होते हैं , जबकि क्रियाविशेषण शब्दों के साथ विभक्ति – चिहन नहीं होते ।
कुछ प्रमुख संबंधबोधक ( Some Important Post Positions )
से पूर्व, से दूर,से पहले,से दूर, के सिवा, के बाद, के पहले, के आगे, के पीछे, के पूर्व, के पास, के निकट, के सहारे, के समान, के बिना, के जैसा, के अलावा, के ऊपर, के नीचे, के बीच, के भीतर, के अन्दर, के द्वारा,के लिए, के विरुद्ध, की ओर, की तरफ आदि।