संज्ञा के निम्नलिखित पाँच भेद होते हैं
( 1 ) व्यक्तिवाचक संज्ञा ( Proper Noun ) — जो शब्द किसी व्यक्ति , स्थान या वस्तु का बोध कराते हैं , उन्हें ‘ व्यक्तिवाचक संज्ञा ‘ कहते हैं ; जैसे –
महात्मा गांधी , शिमला , पुस्तक आदि ।।
( 2 ) जातिवाचक संज्ञा ( common Noun ) – वे शब्द जो एक ही प्रकार के प्राणियों , वस्तुओं और स्थानों का बोध कराते हैं , उन्हें जातिवाचक संज्ञा ‘ कहते हैं ; जैसे —
ग्रंथ , लड़की , दिन , बूढ़ा , बिल्ली , कुरसी , खिलाड़ी , पर्वत आदि ।
( 3 ) भाववाचक संज्ञा ( Abstract Noun ) – वे शब्द जो किसी व्यक्ति अथवा वस्तु के गुण , दशा , स्थिति , कर्म , अवस्था , भाव आदि का बोध कराते हैं , उन्हें ‘ भाववाचक संज्ञा ‘ कहते हैं ; जैसे-
सुंदर , पढ़ाई , लड़ाई , चोरी , भूख , प्यास , अमीरी , गरीबी , क्रोध , मूर्ख , मिठास आदि ।
ध्यान दें : कुछ विद्वान् अंग्रेजी के प्रभाव के कारण संज्ञा के दो भेद और मानते हैं ।
( 4 ) द्रव्यवाचक संज्ञा ( Material Noun ) – वे शब्द जो किसी पदार्थ ( द्रव्य ) या धातु का बोध कराते हैं , उन्हें ‘ द्रव्यवाचक संज्ञा ‘ कहते हैं : जैसे –
मिट्टी , चाँदी , लोहा , ऊन , तेल , दूध , घी , पीतल आदि द्रव्यवाचक संज्ञाएँ हैं ।
( 5 ) समूहवाचक संज्ञा ( Collective Noun ) – वे संज्ञा शब्द जो किसी समूह अथवा समुदाय का बोध कराते है , उन्हें ‘ समूहवाचक संज्ञा ‘ कहते हैं ; जैसे-
सेना , समूह , कक्षा , गुच्छा , झुंड , दल , परिवार आदि समूहवाचक संज्ञाएँ हैं ।