Shabd Vichar| शब्द विचार- परिभाषा ,भेद और उदाहरण in Hindi with examples
शब्द – विचार Morphology
शब्द वह ध्वनि है जिसके द्वारा हम अपनी भाषा का प्रयोग करते हैं । शब्द का अपना अर्थ होता है । भिन्न – भिन्न वर्णों के संयोग से एक ‘ शब्द ‘ बनता है ।
उदाहरण के लिए , भारत शब्द में भ् + आ + र् + अ + त् + अ – छह वर्ण हैं और फल शब्द में फ् + अ + ल् + अ – चार वर्ण हैं ।
जब शब्द का प्रयोग वाक्य में किया जाता है , तब उसे ‘ पद ‘ कहते हैं ।
सार्थक और निरर्थक शब्द
सार्थक शब्द – सार्थक शब्द वे शब्द होते हैं जिनका कोई अर्थ होता है ।
निरर्थक शब्द – शब्द तो वही होते हैं जिनका अर्थ होता है फिर भी प्रचलन में कुछ ऐसे शब्द आते हैं जिनका कोई अर्थ नहीं होता , ऐसे शब्दों को ‘ निरर्थक शब्द ‘ कहते हैं । ये शब्द सदैव सार्थक शब्दों के साथ प्रयुक्त होते हैं ; जैसे
( क ) चाय – वाय पी लीजिए ।
( ख ) कुछ गप – शप सुनाओ ।
( ग ) कुछ ठंडा – वंडा लाओ ।
( घ ) कोई गाना – वाना भी सुना दीजिए ।
इन वाक्यों में वाय , शप , वंडा , वाना निरर्थक शब्द हैं ।
शब्दों के प्रकार ( Kinds of Words )
शब्दों का वर्गीकरण निम्नलिखित चार आधारों पर किया गया है
- उत्पत्ति के आधार पर ( Based on Origin )
- रचना के आधार पर ( Based on Construction )
- अर्थ के आधार पर ( Based on Meaning )
- प्रयोग के आधार पर ( Based on Function )
1. उत्पत्ति के आधार पर शब्दों के भेद ( Words Based on Origin )
उत्पत्ति के आधार पर शब्दों के चार भेद हैं
( क ) तत्सम शब्द ( ख ) तद्भव शब्द
( ग ) देशज शब्द ( घ ) विदेशज शब्द
( क ) तत्सम शब्द ( Words borrowed from Sanskrit without alteration ) – भारत की बहुत – सी भाषाओं का जन्म संस्कृत भाषा से हुआ है । हिंदी भाषा का जन्म भी संस्कृत से हुआ है ; अत : हिंदी भाषा में संस्कृत के अनेक शब्द हैं और इन्हीं शब्दों को ही ‘ तत्सम शब्द ‘ कहते हैं ।
संस्कृत के वे शब्द जो बिना परिवर्तन के हिंदी में प्रयुक्त होते हैं , ‘ तत्सम शब्द ‘ कहलाते हैं ; जैसे — बालक , सूर्य , मयूर , पुष्प , रात्रि आदि ।
( ख ) तद्भव शब्द ( Words borrowed from Sanskrit with alteration ) – संस्कृत के बहुत – से शब्द अपने परिवर्तित रूप के साथ हिंदी भाषा में प्रयोग किए जाते हैं , उन्हें ‘ तद्भव शब्द ‘ कहते हैं ; जैसे — मोर , दूध , आग आदि ।
तत्सम-तद्भव शब्द
यहाँ तत्सम और तद्भव शब्दों की सूची दी जा रही है , इन्हें ध्यान से पढ़िए और समझिए
( ग ) देशज शब्द ( Native Words ) – वे शब्द जो हिंदी भाषा के अपने हैं , ‘ देशज शब्द ‘ कहलाते हैं ; जैसे – पैसा जूता , पगड़ी , पेट , लोटा आदि ।
( घ ) विदेशज शब्द ( Foreign Words ) – भारत में विभिन्न विदेशियों के आगमन के कारण उनकी भाषा के अनेक शब्द हिंदी भाषा में आ गए हैं ।
विदेशी भाषाओं के वे शब्द जिनका प्रयोग हिंदी भाषा में होता है , वे ‘ विदेशज शब्द ‘ कहलाते हैं ; जैसे
2. रचना के आधार पर शब्दों के भेद ( Words Based on Construction )
रचना के आधार पर शब्द तीन प्रकार के हैं
( क ) रूढ़ शब्द ( ख ) यौगिक शब्द ( ग ) योगरूढ़ शब्द
( क ) रूड़ शब्द ( Traditional Words ) – वे शब्द जो परंपरा से किसी वस्तु , व्यक्ति , स्थान , प्राणी , भाव आदि के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं , उन्हें रूढ़ शब्द ‘ कहते हैं ; जैसे – छत , दीवार , कुत्ता , पहाड़ , पुस्तक , सेवा , गाड़ी , बल आदि ।
( ख ) यौगिक शब्द ( Combined Words ) – दो अथवा दो से अधिक शब्दों से बने शब्द ‘ यौगिक शब्द ‘ कहलाते हैं ; जैसे
यौगिक शब्दों के टुकड़े किए जाने पर प्रत्येक शब्द का अपना अर्थ होता है ।
( ग ) योगरूढ़ शब्द ( Compound Words ) – जिन शब्दों का प्रयोग परंपरा के किसी विशेष अर्थ में किया जाता है , वे ‘ योगरूढ़ शब्द ‘ कहलाते हैं ;
जैसे नीलकंठ , दशमुख , जलज , पीतांबर आदि ।
3. अर्थ के आधार पर शब्दों के भेद ( Words Based on Meaning )
अर्थ के आधार पर शब्दों के भेद निम्नलिखित होते हैं
( 1 ) विलोम शब्द ( 2 ) पर्यायवाची शब्द ( 3 ) एकार्थी शब्द ( 4 ) सूक्ष्म अर्थ भेद वाले शब्द ( 4 ) अनेकार्थक शब्द ( 5 ) समश्रुति भिन्नार्थक ( 6 ) शब्द समूह के लिए एक शब्द