विभावना अलंकार किसे कहते है? | Vibhavana Alankar परिभाषा, भेद और उदाहरण
विभावना अलंकार परिभाषा,उदाहरण | Vibhavana Alankar in hindi – विभावना अलंकार, अर्थालंकार का भेद है। यहां पर हम विभावना अलंकार की परिभाषा तथा उदाहरण के बारे में पढ़ने जा रहे हैं, विभावना अलंकार की सम्पूर्ण जानकारी आपको इस लेख में मिल जाएगी। पोस्ट के अंत में आपके लिए परीक्षापयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्न दिए गए है।
विभावना अलंकार की परिभाषा –
विभावना का अर्थ है बिना कारण के जहां कारण के ना होने पर भी कार्य का होना पाया जाता है, वहाँ पर वहाँ विभावना अलंकार होता है।
अथवा
जब कारण के न होने पर भी कार्य होना वर्णित होने पर विभावना अलंकार होता हैं। अर्थात हेतु क्रिया (कारण) का निषेध होने पर भी फल की उत्पति विभावना अलंकार है।
विभवना अलंकार के उदाहरण –
बिन घनश्याम धाम-धाम ब्रज-मंडल में, ऊधो! नित बसति बहार बरसा की हैं। यहां पर वर्षा कार्य के लिए बादल कारण विद्यमान होना चाहिए। यहां कहा गया है कि श्याम घन के न होने पर भी वर्षा की बहार रहती हैं।
बिनु पग चलै सुनें बिनु काना। कर बिनु करम करै विधि नाना।। यहां पर बिना पैर चलना बिना कान के सुनना, बिना हाथ के कार्य का होना ये सभी कारण के बिना ही हो रहे हैं। अतः यहाँ विभावना अलंकार है।
'मुनि तापस जिन तें दुख लहहीं। ते नरेस बिनु पावक दहहीं।। यहां पर जलना कार्य के लिए अग्नि-रूपी कारण होना चाहिए। परंतु यहां पर अग्नि-रूपी कारण के न होने पर भी जलना-रूपी कार्य हो गया है।
विभावन अलंकार के अन्य उदाहरण –
- बिन पानी साबुन बिन निर्मल करै स्वभाव ।
- केसव, वाकी दसा सुनि हौ अब
आग बिना अंग-अंगनि डाढी। - मूक होय वाचाल पंगु चढ़ै गिरिवर गहन ।
जासु कृपा सु दयाल द्रबहु सकल कलिमलि दहन ।। - राजभवन को छोड़ कृष्ण थे चले गये।
तेज चमकता था उनका फिर भी भास्वर।। - नाचि अचानक ही उठे, बिनु पावस वन मोर।
विभावना अलंकार के महत्वपूर्ण Questions –
Q.1 विभावना अलंकार किसका भेद है?
Answer : विभावना अलंकार अर्थालंकर का भेद है।
Q.2 विभावना अलंकार का अर्थ
Answer : विभावना का मतलब विशेष कल्पना होता है।
Q.3 जहां बिना कारण के कार्य का होना पाया जाए वहां कौन सा अलंकार होता है?
Answer : विभावना इसका सही विकल्प है, क्योंकि जहाँ कारण बिना कार्य की उत्पत्ति होती हो, वहां विभावना अलंकार होता है।
Q.4 बिनु पग चले सुने बिनु काना में कौन सा अलंकार है?
Answer : बिनु पग चले सुने बिनु काना। कर बिनु कर्म करै विधि नाना। इस पंक्ति में विभावना अलंकार होता है।