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विशेषण किसे कहते हैं? परिभाषा, भेद और उदाहरण – Visheshan in Hindi

Visheshan in Hindi

संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्दों की विशेषता ( गुण, दोष, संख्या, परिणाम आदि ) बताने वाले शब्द ‘visheshan’ कहलाते है। जैसे: नीला आकाश, लम्बी लड़की, छोटा लड़का, मोटा आदमी, सफ़ेद गाय एवं सुन्दर महिला इत्यादि में लंबी, छोटा, मोटा, सफ़ेद तथा सुन्दर विशेषण शब्द हैं, जो आकाश, लड़की, लड़का, आदमी इत्यादि संज्ञा शब्दों की विशेषता बता रहे हैं ।
ध्यान दें :  विशेषण शब्द जिन संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की विशेषता प्रकट करते हैं , उन्हें विशेष्य ‘ कहते हैं । जैसे कि उपर्युक्त वाक्यों में फूल की , गाय की , कपड़ों की और केलों की विशेषता बताई गई है ।
कुछ शब्द मूल रूप से ही विशेषण होते हैं ; जैसे – अच्छा , बुरा , ऊँचा , मुलायम , मीठा आदि । परंतु कुछ विशेषण शब्दों की रचना संज्ञा आदि शब्दों से होती है।

विशेषण किसे कहते हैं?

जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं , उन्हें ‘ विशेषण ‘ कहा जाता है । जिन संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताई जाती है , उन्हें ‘ विशेष्य ‘ कहते हैं ।

विशेषण के उदाहरण

✦ यह फूल लाल है ।
✦ काली गाय अधिक दूध देती है।
✦ उसने नए कपड़े पहने हैं ।
✦ पिता जी बाजार से एक दर्जन केले लाए ।
उपर्युक्त वाक्यों में लाल , काली , नए , एक दर्जन , शब्द ‘ विशेषण ‘ हैं और फूल , गाय , कपड़े और केले ‘ विशेष्य ‘ हैं ।

ध्यान दें : विशेषण शब्द जिन संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की विशेषता प्रकट करते हैं , उन्हें विशेष्य ‘ कहते हैं । जैसे कि उपर्युक्त वाक्यों में फूल की , गाय की , कपड़ों की और केलों की विशेषता बताई गई है ।

विशेषण की परिभाषा

संज्ञा एवं सर्वनाम शब्दों की विशेषता बतलाने वाले शब्दों को विशेषण कहते है। 
विशेषण एक विकारी शब्द है। 

Visheshan Ki Paribhasha

  • विशेषण का प्रयोग वस्तु को सजीव व मूर्तिमय रूप प्रदान करता है।
  • विशेषण किसी की हीनता भी बताता है। जैसे- वह लड़की शैतान है, यहाँ ‘शैतान’ लड़की की हीनता बताता है।
  • विशेषण के द्वारा किसी भी वाक्य का स्वरूप स्पष्ट किया जा सकता है।

विशेष्य किसे कहते है? 

जिस संज्ञा एवं सर्वनाम शब्द की विशेषता बतलायी जाती है, उसे विशेष्य कहते है। यथा – गीता सुन्दर है। इसमें ‘ सुन्दर’ विशेषण है और गीता विशेष्य । विशेषण शब्द विशेष्य से पूर्व भ आते है और उसके बाद भी।

जैसे – ‘राम होशियार है।'( इस वाक्य में ‘होशियार ‘ शब्द विशेषण है तथा ‘राम‘ विशेष्य है )

विशेषण के प्रकार –

विशेषण के भेद | Visheshan Ke bhed –
विशेषण के मुख्यत: चार भेद होते हैं –

1. गुणवाचक विशेषण
2.संख्यावाचक विशेषण
3. परिणाम वाचक विशेषण
4. सर्वनामिक/संकेतवाचक विशेषण

Visheshan Ke bhed

1. गुणवाचक विशेषण

वे विशेषण शब्द जो रंग, रूप, दशा,आकार, भाव, समय, स्थान, दिशा, गुण  आदि भावों को प्रकट करते है, गुणवाचक विशेषण कहलाते है।
अथवा वे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम के गुण , दोष , आकार , स्थान , रंग , काल , दशा , गंध , स्वाद , दिशा आदि का बोध कराएँ , उन्हें ‘ गुणवाचक विशेषण ‘ कहते हैं ।

गुणवाचक विशेषण के उदाहरण –

गुण     :ईमानदार, परिश्रमी, अच्छा आदि।
दोष    :कायर, बुरा, दुष्ट, आलसी आदि।
आकार    :लम्बा, ऊँचा, गोल, छोटा आदि।
स्थान    :अगला, पिछला, गहरा, बाहरी आदि।
रंग    :लाल, पीला, नीला, हरा आदि।
काल    :नया, पुराना, मासिक, साप्ताहिक आदि।
दशा    :पतला, मोटा, गरीब, धनी, सूखा आदि।
गंध  :दुर्गन्ध, गंधहीन, सुगंध आदि।
स्वाद   :नमकीन, खट्टा, मीठा आदि।
दिशा   :पूर्वी, पश्चिमी, उत्तरी, दक्षिणी आदि।
गुणवाचक विशेषण के उदाहरण

गुणवाचक विशेषण के उदाहरण –

✦ मोहित ईमानदार लड़का है ।
✦ सेब बहुत मीठे हैं ।
✦ सफ़ेद कुत्ता भौंक रहा है ।
✦ यह घर बहुत पुराना है ।
उपर्युक्त वाक्यों में ईमानदार , मीठे, सफ़ेद और पुराना शब्द गुणवाचक विशेषण हैं ।

गुणवाचक विशेषण शब्द

रंग – हरा, लाल, पीला, काला, सफेद, नीला, जमुनी, चमकीला। 
जैसे – नीलाम्बर, पीताम्बर आदि। 

दशा – मोटा,पतला, सूखा, अमीर, गरीब, भारी, हल्का। 
जैसे – अमीर लड़का, गरीब आदमी, मोटा लड़का, सूखा पेड़ आदि। 

आकार – नुकीला,समान, गोल, चौकोर, सुडौल, पैना। 
जैसे – सुडौल शरीर, नुकीला पत्थर, गोल रोटी, चौकोर डिब्बा आदि। 

भाव – अच्छा, बुरा, कायर, वीर, डरपोक, कोमल, कठोर। 
जैसे – कोमल शरीर, कायर बच्चा, वीर पुरुष, बुरा रास्ता आदि। 

समय – अगला,पिछला, नया,पुराना। 
जैसे – अगला रास्ता, पिछला रास्ता, नया घर , पुराना दोस्त आदि। 

स्थान –  ऊँचा ,नीचा, गहरा, लम्बा,चौड़ा, सीधा। 
जैसे – ऊँचा दरवाजा, गहरा कुआँ, सीधा रास्ता आदि। 

दिशा – उतरी, दक्षिणी, पूर्वी, पशिचमी। 
जैसे – उतरी हवाएं,पशिचमी सभ्यता आदि। 

गुण – सुन्दर, भला, बुरा,खट्टा, मीठा,सच, झूठ। 
जैसे – भला आदमी, बुरा इंसान, मीठा फल, झूठी बात आदि। 

2. संख्यावाचक विशेषण

वे विशेषण शब्द जो किसी संख्या को प्रकट करते है, संख्यावाचक विशेषण कहलाते है। 
अथवा वे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का बोध कराएँ , उन्हें ‘ संख्यावाचक विशेषण ‘ कहते हैं। 

संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण

✦ पाँच लड़के ।
✦ सब व्यक्ति ।
✦ दो केले ।
✦ पांच पेन ।

संख्यावाचक विशेषण के भी भेद होते हैं

संख्या की निश्चितता एवं अनिश्चितता के आधार पर यह विशेषण दो प्रकार के होते है –
(i) निश्चित संख्यावाचक विशेषण
(ii) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण

(i) निश्चित संख्यावाचक विशेषण – वे संख्यावाचक विशेषण जिनमे विशेषण शब्दों की संख्या निश्चित होती है, निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाते है।
अथवा – वे विशेषण शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित संख्या का बोध कराते हैं , उन्हें निश्चित संख्यावाचक विशेषण ‘ कहते हैं ; जैसे – दो आदमी , चार सेब , द्वितीय श्रेणी ।

जैसे- 
क्रमवाचक – पहला,दूसरा,तीसरा,चौथा,पाँचवा। 
गणनावाचक – एक,दो,तीन ,चार ,पाँच। 
आवृतिवाचक – दुगुना,तिगुना,चौगुना,दुहरा,तिहरा। 
समुदायवाचक – दोनों,तीनो,चारों, पाँचो। 

(ii) अनिश्चित संख्यावाचक – वे संख्यावाचक विशेषण जिनमे विशेषण शब्दों की संख्या अनिश्चित होती है,अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाते है। 
अथवा – जो विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित संख्या का बोध नहीं कराते , उन्हें ‘ अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण ‘ कहते हैं ; जैसे – कुछ व्यक्ति , सभी बच्चे , बहुत लोग आदि ।

जैसे – कई ,बहुत, कुछ, थोड़ा, ज्यादा आदि। 

3. परिणामवाचक विशेषण – 

वे विशेषण शब्द जो मात्रा को प्रकट करते है,अर्थात जिन संख्या शब्दों के साथ मात्रा प्रकट करने वाली इकाई लिखी होती है, परिणामवाचक विशेषण कहलाते है। 

ये विशेषण दो प्रकार के होते है –
i. निश्चित परिणामवाचक
ii. अनिश्चित परिणामवाचक 

i. निश्चित परिणामवाचक – चार किलो, तीन किलोमीटर, सौ ग्राम। 

ii. अनिश्चित परिणामवाचक –  थोड़ा,ज्यादा,कम, जरा-सा, बहुत। 

4. सार्वनामिक विशेषण – 

यदि कोई सर्वनाम शब्द विशेषण की तरह प्रयुक्त होता है तो वहाँ सार्वनामिक विशेषण होता है।
जैसे- 
✦ वह लड़की बहुत अच्छी है। 
✦ उस गेंद को मत उठाना। 
✦ इस पुस्तक को मत छूना। 
✦ वह आदमी बहुत ईमानदार है। 
✦ वह लड़की  बहुत सुन्दर है। 

सार्वनामिक विशेषण और सर्वनाम  में अंतर –

यदि सार्वनामिक विशेषण का प्रयोग संज्ञा या सर्वनाम शब्द से पहले हो,तो वह सार्वनामिक  विशेषण कहलाता है और यदि संज्ञा के स्थान पर अकेले प्रयुक्त हो तो वह सर्वनाम कहलाता है। 
जैसे- 
✦ वह लड़की बहुत ईमानदार है। (सार्वनामिक विशेषण)
✦ वह बहुत ईमानदार है।(सर्वनाम)
✦ उस इंसान को मई भूल नहीं सकती।(सार्वनामिक विशेषण)
✦ आप किसका इंतज़ार कर रहे है ?(सर्वनाम) 

इन चार भेदों के अतिरिक्त विशेषण के दो भेद और होते है –
1.  व्यक्तिवाचक विशेषण
2. भिन्नतावाचक विशेषण 

1. व्यक्तिवाचक विशेषण – वे विशेषण शब्द जो किसी स्थान विशेष से सम्बंधित होते है ,व्यक्तिवाचक विशेषण कहलाते है।  
जैसे- 
✦ जयपुरी रिजाइयाँ ,जोधपुरी जूती, बनारसी साड़िया, कश्मीरी सेब, बीकानेरी भुजिया आदि। 

( यह विशेषण गुणवाचक विशेषण की तरह ही है )

2. भिन्नतावाचक विशेषण – यदि किसी वाक्य में प्रत्येक, हरएक, अनेक आ जाये तो वहां भिन्नतावाचक विशेषण होता है। 
जैसे – 
✦ इस गावँ का हर एक आदमी ईमानदार है। 
✦ इस विद्यालय के प्रत्येक विद्यार्थी आदर्श है। 
( यह विशेषण अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण की तरह ही होता है ) 

विशेषण की अवस्थाएँ-

विशेषण की मुख्यतः तीन अवस्थाएँ मानी जाती है 
1. मूलावस्था
2. उत्तरावस्था 
3. उत्तमावस्था 

1. मूलावस्था – जब किसी वाक्य में कोई विशेषण शब्द अपने मूल रूप में प्रयुक्त होता है तो वह उसकी मूलावस्था कहलाती है।
जैसे – 
✦ सोहन एक अच्छा खिलाडी है।  
✦ रोहन एक चतुर बालक है। 
✦ राम एक होशियार छात्र है। 

2. उतरावस्था- जब किसी वाक्य में कोई विशेषण दो शब्द दो पदार्थो की तुलना करने के लिए प्रयुक्त होते है तो वह उसकी उतरावस्था कहलाती है। 
जैसे – 
✦ रोहन सोहन से होशियार लड़का है। 
✦ राम श्याम से अच्छा खिलाडी है। 

3. उत्तमावस्था – जब किसी वाक्य में कोई विशेषण शब्द अनेक पदार्थो में से किसी एक पदार्थ की श्रेष्ठता या हीनता प्रकट करने के लिए प्रयुक्त होता है तो वह उसकी उत्तमावस्था कहलाती है। 
जैसे – 
✦ राम कक्षा का सबसे होशियार छात्र है। 
✦ रोहन विद्यालय का सबसे चतुर बालक है। 
✦ मोहन गाँव का सबसे ईमानदार बालक है। 

नोट- विशेषण की उत्तमावस्था बनाने के लिए ‘तम/तमा’ प्रत्यय के स्थान पर ‘ श्रेष्ट ‘ प्रत्यय का भी प्रयोग किया जाता है लेकिन इन दोनों प्रत्ययो का एक साथ प्रयोग अशुद्ध माना जाता है। 

जैसे – 
✦ रोहन श्रेष्ठतम छात्र है ( अशुद्ध)
✦ रोहन श्रेष्ट छात्र है।  ( शुद्ध )

विशेष्य (उद्देश्य ) विशेषण तथा विधेय विशेषण –

विशेष्य (उद्देश्य) विशेषण – वे विशेषण जो विशेष्य से पहले प्रयुक्त होये है ,विशेष्य विशेषण कहलाते है। 
जैसे- 
✦ होशियार बालक अपना काम कर लेते है। 
✦ काला घोड़ा तेज दौड़ता है। 

विधेय विशेषण –  वे विशेषण जो विशेष्य के बाद प्रयुक्त होते है,विधेय विशेषण कहलाते है। 
जैसे – 
✦ वह छात्र होशियार है। 
✦ भारत देश महान है। 
✦ वह बहुत सुंदर है। 
✦ उसका दिमाक तेज है। 

( “विशेष्य विशेषण” तथा “विधेय विशेषण ” दोनों ही स्थितियों में उनका रूप संज्ञा व सर्वनाम के अनुसार ही बदलता है )

प्रविशेषण –वे शब्द जो विशेषण की विशेषता को प्रकट करते है ,प्रविशेषण शब्द कहलाते है। 
जैसे – 
✦ राधा बहुत सुंदर लड़की है। 
✦ यहाँ बहुत विशाल प्रतिमा है। 
✦ सीता बहुत अच्छा गाना गाती है। 

10 विशेषण शब्द

  1. आम बहुत खट्टा है। 
  2. शेर दहाड़ता है।
  3. आसमान साफ है।
  4. मोहन एक अच्छा लड़का है।
  5. टोकरी में मीठे अंगूर हैं।
  6. गीता सुंदर है।
  7. कौआ काला होता है।
  8. बालक चतुर है। 
  9. हमने गुजराती गीत गाए। 
  10. अमित ने लाल कमीज पहनी है।

दोस्तो हमने इस आर्टिकल में Visheshan in Hindi के साथ – साथ visheshan kise kahate hain,Visheshan ke bhed के बारे में पढ़ा। हमे उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। आपको यहां Hindi Grammar के सभी टॉपिक उपलब्ध करवाए गए। जिनको पढ़कर आप हिंदी में अच्छी पकड़ बना सकते है।

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