व्यंजना शब्द शक्ति : Vyanjana Shabd Shakti ki Paribhasha | व्यंजना शब्द शक्ति के उदाहरण

इस आर्टिकल में हम व्यंजना शब्द शक्ति किसे कहते हैं के भेद/प्रकार और उनके प्रकारों को उदाहरण के माध्यम से पढ़ेंगे।इस टॉपिक से सभी परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते है।  हम यहां पर व्यंजना शब्द शक्ति के सभी भेदों/प्रकार के बारे में सम्पूर्ण जानकारी लेके आए है। Hindi में व्यंजना शब्द शक्ति से संबंधित बहुत सारे प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं और राज्य एवं केंद्र स्तरीय बोर्ड की सभी परीक्षाओं में यहां से questions पूछे जाते है। व्यंजना शब्द शक्ति इन हिंदी के बारे में उदाहरणों सहित इस पोस्ट में सम्पूर्ण जानकारी दी गई है।  तो चलिए शुरू करते है –

व्यंजना शक्ति की परिभाषा | Vyanjana Shabd Shakti Ki Pribhasha

परिभाषा – व्यंजना  का अर्थ  है – ” ध्वनित  करना या प्रकाशित करना ”  अर्थात जिस शब्द  शक्ति  के द्वारा मुख्यार्थ और  लक्ष्यार्थ से भिन्न तीसरे का अर्थ प्रकाशित हो उसे ” व्यंजना शब्द शक्ति ”  कहते है ।  
अथवा  –  जब  वाच्यार्थ और  लक्ष्यार्थ अपना  – अपना  अर्थ  बोध कराकर  शांत  हो  जाए  और  जिस  शक्ति  से  अन्य  अर्थ  का बोध  हो, उसे ” व्यंजना शब्द शक्ति ”  कहते है । 
व्यंजना शक्ति केवल अर्थ का संकेत भर देती है, बाकी अर्थ श्रोता या पाठक अपनी कल्पना शक्ति के आधार पर लगाता है । 

व्यंग्यार्थ  –  व्यंजना शक्ति  से निकलने वाले  अर्थ को ” व्यंग्यार्थ ” कहते  है । तथा अर्थ धारण करने वाले शब्द को ” व्यंजक ” कहते है । 

व्यंजना शब्द शक्ति के 10 उदाहरण

✦ सुबह हो गयी ।
( वाक्य में वाच्यार्थ है –  सूर्योदय का समय हो गया, परंतु व्यंग्यार्थ के अनुरूप भिन्न – भिन्न होंगे  । )

✦ पूजा करने वालों के लिए –  पूजा – पाठ का समय हो गया । 
पढ़ने वालों के लिए –  विद्यालय जाने का समय हो गया । 

व्यंजना शक्ति के भेद | Vyanjana Shabd Shakti ke Bhed

व्यंजना शक्ति के मुख्यतः दो भेद होते है –  
1. शाब्दी  व्यंजना  
2. आर्थी व्यंजना 

1. शाब्दी व्यंजना – जब व्यंजना शब्द आधारित हो अर्थात जहाँ पर शब्द विशेष के कारण ही व्यंग्यार्थ निकलता है, शाब्दी व्यंजना कहलाती है । 
अर्थात – जहाँ व्यंग्यार्थ किसी विशेष शब्द के प्रयोग पर ही निर्भय रहता है, वहाँ शाब्दी व्यंजना होती है । 
शाब्दी व्यंजना शब्द आधारित होती है, इसलिए इस शब्दशक्ति का सम्बंध श्लेष्म अलंकार से जुड़ जाता है ( परंतु व्यंजना शक्ति का होना अनिवार्य हो )। 

जैसे – 
✦ रहिमन पानी रखिए बिन पानी सब सून ।
पानी गए न ऊबरे मोती, मानस, चून ।
( उपर्युक्त वाक्य में  शब्द ” पानी ” पर आधारित है , इसमें पानी के निम्न व्यंग्यार्थ निकलते है, जैसे –  मोती के लिए –  चमक,  मनुष्य के लिए – इज्जत, चून यानि चूने के लिए जल आदि । ) 

शाब्दी व्यंजना के भेद

शाब्दी व्यंजना दो प्रकार की होती है –
1. अभिधामूल शाब्दी व्यंजना 
2. लक्षणामूला शाब्दी व्यंजना 

1. अभिधामूल शाब्दी व्यंजना –  यह शाब्दी व्यंजना अधिधात्मक शब्द पर आश्रित होती है । 

जैसे –
✦ ” चिर जीवो जोरी जुरै , क्यों न स्नेह गंभीर |
को घटि, ये वृषभानुजा, वे हलधर के बीर । । ” 
( वाक्य में वृषभानुजा और हलधर शब्दों का प्रयोग हुआ है । यहाँ वृषभानुजा राधा तथा हलधर बलराम को कहा गया है । )

2. लक्षणामूला शाब्दी व्यंजना  –  यह शाब्दी व्यंजना लाक्षणिक शब्द पर आश्रित होती है । जहाँ लक्ष्यार्थ के माध्यम से व्यंजना का आभास होता है, लक्षणामूला शाब्दी व्यंजना कहलाती है । 

जैसे –
✦ ” फली सकल मनकामना, लूट्यौ आगणित चैन ।
आजु अँचे हरि रूप सखि, भये प्रफुल्लित नैन । ।” 
( वाक्य में ‘ फली ‘ का अर्थ है – पूर्ण,  ‘ लूट्यौ ‘ का अर्थ है  – प्राप्त किया और ‘ अँचै ‘ का अर्थ है – देखा । वाक्य में सम्पूर्ण पद का व्यंग्यार्थ है –  प्रियतम के दर्शन से अत्यधिक आनंद प्राप्त किया । ) 

2.  आर्थी व्यंजना  –  इस व्यंजना में अर्थ विशेष की प्रमुखता होती है । इसमें अर्थ के द्वारा व्यंग्यार्थ की व्यंजना होती है, ” आर्थी व्यंजना ” कहलाती है । 

जैसे –
✦ ”  जब – जब पनघट जाऊँ सखी – री वा जमुना के तीर ।
भरि – भरि जमुना उमड़ चलति है, इन नैनन के नीर । । ” 
( वाक्य का व्यंग्यार्थ यमुना – तट पर कृष्ण की याद बहुत सताती है । ) 

✦ ” अबला जीवन हाय ! तुम्हारी यही कहानी ।
आँचल में है दूध और आँखों में पानी । । ” 
( वाक्य का व्यंग्यार्थ पुरुषप्रधान समाज में नारी की स्थिति को दर्शाया है । )

दोस्तो हमने इस आर्टिकल में Vyanjana Shabd Shakti in Hindi के साथ – साथ Vyanjana Shabd Shakti kise kahate hain, Vyanjana Shabd Shakti ke bhed के बारे में पढ़ा। हमे उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। आपको यहां Hindi Grammar के सभी टॉपिक उपलब्ध करवाए गए। जिनको पढ़कर आप हिंदी में अच्छी पकड़ बना सकते है।

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