YanSandhi in Hindi – इस आर्टिकल में हम यण संधि किसे कहते हैं, के भेद/प्रकार और उनके प्रकारों को उदाहरण के माध्यम से पढ़ेंगे। इस टॉपिक से सभी परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते है। हम यहां पर यण संधि के सभी भेदों/प्रकार के बारे में सम्पूर्ण जानकारी लेके आए है। Hindi में यण संधि से संबंधित बहुत सारे प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं और राज्य एवं केंद्र स्तरीय बोर्ड की सभी परीक्षाओं में यहां से questions पूछे जाते है। Yan Sandhi in hindi grammar के बारे में उदाहरणों सहित इस पोस्ट में सम्पूर्ण जानकारी दी गई है। तो चलिए शुरू करते है –
यण संधि किसे कहते हैं | YanSandhi Kise Kahate Hain
यण संधि की परिभाषा – इ , ई के बाद कोई असमान स्वर आए तब इ , ई का य ; उ , ऊ का व और ऋका र हो जाता है । इसे ‘ यण संधि ‘ कहते हैं ;
1. | इ + अ = य |
2. | इ + आ = या |
3. | ई + अ = य |
4. | ई + आ = या |
5. | इ + उ = यु |
6. | इ + ऊ = यू |
7. | ई + उ = यु |
8. | ई + ऊ = यू |
9. | इ + ए = ये |
10. | ई + ऐ = यै |
11. | उ + अ =व |
12. | उ + आ = वा |
13. | उ + इ = वि |
14. | उ + ई = वी |
15. | उ + ए = वे |
16. | ऊ + अ = वा |
17. | ऋ + अ = र् |
18. | ऋ + आ = रा |
19. | ऋ + उ = रु |
20 | ऋ + इ =रि |
अति + अधिक | अत्यधिक |
यदि + अपि | यद्यपि |
अति + अंत | अत्यंत |
गति + अवरोध | गत्यवरोध |
परि + आवरण | पर्यावरण |
इति + आदि | इत्यादि |
अति + आचरण | अत्याचार |
वि + आप्त | व्याप्त |
अभि + आगत | अभ्यागत |
देवी + अर्पण | देव्यर्पण |
सखी + अपराध | सख्यपराध |
देवी + आगमन | देव्यागमन |
देवी + आलय | देव्यालय |
सखी + आगम | सख्याग्म |
उपरि + उक्त | उपर्युक्त |
प्रति + उपकार | प्रत्युपकार |
प्रति + उत्तर | प्रत्युत्तर |
अभि + उदय | अभ्युदय |
नि + ऊन | न्यून |
वि + ऊह | व्यूह |
सखी + उपेक्षा | सख्युपेक्षा |
नदी + उद्गम | नदयुद्गम |
नदी + उर्जा | नदयूर्जा |
नदी + उर्मी | नदयूर्मी |
प्रति + एक | प्रत्येक |
अधि + एषणा | अध्येषणा |
नदी + ऐश्वर्य | नाद्यैश्वर्य |
सखी + ऐश्वर्य | सख्यैश्वर्य |
अनु + अय | अन्वय |
सु + अच्छ | स्वच्छ |
सु + अल्प | स्वल्प |
मधु + अरि | मध्वरि |
सु + आगत | स्वागत |
गुरु + आकृति | गुर्वाकृति |
गुरु + आदेश | गुर्वादेश |
अनु + इति | अन्विति |
अनु + इत | अन्वित |
अनु + ईक्षण | अन्वीक्षण |
अनु + ईक्षक | अन्वीक्षक |
अनु + एषण | अन्वेषण |
प्रभु + एषणा | प्रभ्वेणा |
वधू + आगमन | वध्वागमन |
भू + आदि | भ्वादि |
पितृ + अर्पण | पितृर्पण |
मातृ + अर्पण | मात्रर्पण |
मातृ + अनुमति | मात्रनुमति |
मातृ + आज्ञा | मात्रज्ञा |
पितृ + आदेश | पित्रादेश |
पितृ + उपदेश | पितृपदेश |
मातृ + उपदेश | मात्रुपदेश |
मातृ + इच्छा | मात्रिच्छा |
पितृ + इच्छा | पित्रिच्छा |
संधि विच्छेद | संधि | स्वर |
---|---|---|
यदि+ अपि | यद्यपि | इ+ अ= य |
प्रति + एक | प्रत्येक | इ + ए = ये |
अति+ अधिक | अत्यधिक | इ+ अ= य |
इति + आदि | इत्यादि | इ + आ = या |
अभी + अर्थी | अभ्यर्थी | ई + अ = अ |
देवी+आलय | देव्यालय | ई + आ= या |
अधि + आदेश | अध्यादेश | इ + आ = या |
अति + अन्त | अत्यन्त | इ + अ = य |
सखी+ उक्ति | सख्युक्त | ई+ उ=य |
अति + अधिक | अत्यधिक | इ + अ = य |
प्रति + अर्पण | प्रत्यर्पण | इ + अ = य |
सु + आगत | स्वागत | उ + आ = वा |
अधि + आहार | अध्याहार | इ + आ = आ |
प्रति + आशा | प्रत्याशा | इ + आ = आ |
अधि + अक्ष | अध्यक्ष | इ + अ = य |
अति + आवश्यक | अत्यावश्यक | इ + आ = या |
प्रति + अक्ष | प्रत्यक्ष | इ + अ = य |
प्रति + आघात | प्रत्याघात | इ + आ = या |
यदि + अपि | यद्यपि | इ + अ = य |
पितृ + आदेश | पित्रादेश | ऋ + आ = रा |
अनु + एषण | अन्वेषण | उ + ए = वे |
गुरु + औदार्य | गुरवौदार्य | उ + औ = वौ |
गुरु + ओदन | गुर्वोदन | उ + ओ = वो |
मधु + आलय | मध्वालय | उ + आ = वा |
प्रति + अय | प्रत्यय | इ + अ = य |
अति + उष्म | अत्यूष्म | इ + ऊ = यू |
अति + उत्तम | अत्युत्तम | इ + उ = यु |
अति + अल्प | अत्यल्प | इ + अ = य् |
देवी + अर्पण | देव्यर्पण | ई + अ = य् |
सु + आगत | स्वागत | उ + अ = व् |
अनु + एषण | अन्वेषण | उ + ए =वे |
वधू + आगमन | वध्वागमन | ऊ + आ = व |
अति + उष्म | अत्यूष्म | इ + ऊ = यू |
अनु + आय | अन्वय | उ + अ= व |
पितृ + अंश | पित्रंश | ऋ + अ = र |
पितृ + अनुमति | पत्रनुमति | ऋ + अ = र |
अनु + अय | अन्वय | उ + अ = व |
देवी + ओज | देव्योज | ई + ओ = यो |
देवी + ऐश्वर्य | देव्यैश्वर्य | ई + ऐ = यै |
नदी + ऊर्मी | नद्यूर्मी | ई + ऊ = यू |
नि + ऊन | न्यून | इ + ऊ = यू |
अधि + एता | अध्येता | इ + ए = ये |
अति + आचार | अत्याचार | इ + आ = य् |
यण संधि के उदहारण | Yan Sandhi Ke Udaharan
✦ अति + अधिक = अत्यधिक (इ+ अ= य)
✦ यदि + अपि = यद्यपि ( इ+ अ= य)
✦ इति + आदि = इत्यादि( इ+ आ= या)
✦ देवी + आगमन = देव्यागमन( ई+ आ= या)
✦ अति + उत्तम = अत्युक्त( इ+ उ= य)
✦ सखी + उक्ति = सख्युक्त( ई+ उ=य)
✦ प्रति + एक = प्रत्येक( इ+ ए= ये)
✦ अधि + एता = अध्येता(इ+ए= ये)
✦ देवी + अर्पण =देव्यर्पण ( ई+अ=य)
✦ नदी + आगमन = नद् यागमन (ई+ अ= या)
✦ देवी + आलय = देव्यालय(ई+ आ= या)
✦ गुरु + आकृति = गुवाॆकृति(उ+आ=वा)
✦ अनु + एषण = अन्वेषण(उ+ए =वे)
✦ सु + अच्छ = स्वच्छ(उ+अ=व)
✦ अनु + अय = अन्वय(उ+अ=व)
✦ वधु + आगमन = वध्वागमन(ऊ+आ=वा)
✦ अनु + इति = अन्विति(ई+इ=वि)
✦ पितृ + अनुमति = पित्रानुमति(ऋ+आ=रा)
✦ पितृ + आलय = पित्रालय(ऋ+आ=रा)
✦ भ्रातृ + इच्छा = भ्रात्रिच्छा(ऋ+इ=रि)
✦ मातृ + उपदेश = मात्रुपदेश(ऋ+उ=रु)
दोस्तो हमने इस आर्टिकल में Yan Sandhi in Hindi के साथ – साथ Yan Sandhi kise kahate hain,के बारे में पढ़ा। हमे उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। आपको यहां Hindi Grammar के सभी टॉपिक उपलब्ध करवाए गए। जिनको पढ़कर आप हिंदी में अच्छी पकड़ बना सकते है।