योजक चिन्ह की परिभाषा और उदाहरण | Yojak Chinh in hindi – हिंदी भाषा हमारी मातृभाषा है। हिंदी भाषा को लिखते हुए हम बहुत सारे चिन्हों का प्रयोग करते हैं जैसे:- पूर्ण विराम चिन्ह, योजक चिन्ह, अल्प विराम चिन्ह विराम आदि। इस लेख हम योजक चिन्ह किसे कहते है। योजक चिन्ह के प्रयोग एवं योजक चिन्ह के उदाहरण के बारे में विस्तार से जानने वाले हैं। तो इस लेख की मदद से, आप आज इस विषय को बेहतर तरीके से जान पाएंगे। तो चलिए लेख शुरू करते हैं –
योजक चिह्न किसे कहते है?
योजक चिह्न ( – ) ( Hyphen ) की परिभाषा – इसका प्रयोग दो शब्दों में संबंध प्रकट करने के लिए और युग्म शब्दों के मध्य किया जाता है ; जैसे –
सुख – दु : ख ,
भूखा – प्यासा ,
स्त्री – पुरुष ,
माता – पिता ,
तन – मन ,
देश – विदेश आदि ।
योजक चिन्ह का प्रयोग (Yojak Chinh Ka Prayog)
✦ तत्पुरुष तथा द्वंद्व समास के दोनों पदों के मध्य योजक चिह्न का प्रयोग होता है।
उदाहरण – हवन-सामग्री, देश-भक्ति, दिल-तोड़ लाभ-हानि आदि।
✦ मध्य के अर्थ में योजक चिह्न का प्रयोग होता है।
उदाहरण– घास-फूस, मोटा-ताजा, मार-पीट, कन्द-मूल-फल, आगा-पीछा, लोटा-डोर, दूध-रोटी, खान-पान, दूध-रोटी, कपड़े-लत्ते, कृष्ण-सुदामा-चरित, रावण-अंगद-संवाद आदि।
✦ शब्दों की पुनरावृति रूपों में योजक चिह्न का प्रयोग होता है।
उदाहरण– राम-राम, शहर-शहर, गाँव-गाँव, बीच-बीच, आगे-आगे, पीछे-पीछे, नगर-नगर, साथ-साथ, कभी-कभी इत्यादि।
✦ तुलना सूचक शब्दों के बीच योजक चिह्न का प्रयोग होता है।
उदाहरण– राम-सा भाई।
✦ विभिन्न शब्द युग्मों में योजक चिह्न का प्रयोग होता है।
उदाहरण– थोड़ी-बहुत, भीड़-भाड़, मार-पीट, कन्द-मूल-फल, लोटा-डोर, दूध-रोटी, खान-पान, दूध-रोटी, कपड़े-लत्ते, दाना-पानी, दो-चार, फल-फूल।
✦ संख्याओं को शब्दों में लिखते समय योजक चिह्न का प्रयोग होता है।
उदाहरण– क-तिहाई, एक-चौथाई, दस-पाँच, तीन-चौथाई आदि।
योजक चिन्ह के उदाहरण |Yojak Chinh Ke Udaharan
✦ दो शब्दों को जोड़ने के लिए तथा द्वंद्व तथा तत्पुरुष समास में –
जैसे:- राम – श्याम, सीता – गीता
✦ पुनरुक्त शब्दों के बीच –
जैसे:- डाल–डाल ,पात–पात ,घर–घर
✦ तुलनावाचकसा,सी,से,से पहले –
जैसे:- भरत–सा भाई ,यशोदा–सी माता
✦ अक्षरों में लिखी जाने वाली संख्याओं और उनके अंशो के बीच –
जैसे:- एक–तिहाई ,तीन–चौथाई