काल का शाब्दिक अर्थ होता है – ” समय ” , अर्थात क्रिया के जिस रूप से कार्य के होने के समय का पता चलता है , काल कहलाता है ।
परिभाषा – क्रिया के जिस रूप से कार्य करने या होने के समय का बोध होता है , उसे काल कहा जाता है ।
अर्थात , क्रिया के जिस रूप से उसके कार्य होने का समय और उसकी पूर्ण अथवा अपूर्ण अवस्था का ज्ञान होता हो , उसे काल कहते है ।
काल के उदाहरण –
- राम खाना खाता है ।
- राम खाना खाएगा ।
- राम खाना खा चुका है ।
- क्या सीता खाना खा रही है ?
- वह खेल रहा है ।
- मोहन पुस्तक पढ़ रहा है ।
- क्या श्याम जयपुर जाएगा ?
( उपर्युक्त वाक्यों में क्रिया के रूप से जो कार्य किया जा रहा है उसके पूर्ण होने के समय का पता चल रहा है। )
काल के भेद –
काल के मुख्यतः तीन भेद होते है , जो निम्न है –
- वर्तमान काल
- भूतकाल
- भविष्यकाल
जैसे –
- राम पुस्तक पढ़ता है । ( वर्तमान काल )
- सीता बाजार जाती है ।
- सीता खाना पका रहीं है ।
( उपर्युक्त वाक्यों से पता चलता है किया जा रहा कार्य वर्तमान समय में चालू है , अतः यह वर्तमान काल है। )
- राहुल जयपुर गया था । ( भूतकाल )
- राम खाना खा चुका था ।
- रीता खाना पका रहीं थी ।
( उपर्युक्त वाक्यों में पता चलता है कि कार्य समाप्त हो गया है , अतः यह भूतकाल है । )
- हम सब विद्यालय जाएगें । ( भविष्यकाल )
- राम कल जयपुर जाएगा ।
- कल हम जल्दी उठेगेंं ।
( उपर्युक्त वाक्यों में पता चलता है कि कार्य आने वाले समय मे पुरा होगा , अतः यह भविष्यकाल है। )