वाक्यांश या शब्द-समूह – शब्द
- हाथी हाँकने का छोटा भाला – अंकुश
- जो कहा न जा सके – अकथनीय
- जिसे क्षमा न किया जा सके – अक्षम्य
- जिस स्थान पर कोई न जा सके – अगम्य
- जो कभी बूढ़ा न हो – अजर
- जिसका कोई शत्रु न हो- अजातशत्रु
- जो जीता न जा सके – अजेय
- जो दिखाई न पड़े – अदृश्य
- जिसके समान कोई न हो – अद्वितीय
- हृदय की बातें जानने वाला – अन्तर्यामी
- पृथ्वी, ग्रहों और तारों आदि का स्थान – अन्तरिक्ष
- दोपहर बाद का समय – अपराह्न
- जिस पर मुकदमा चल रहा हो / अपराध करने का आरोप हो/ अभियोग लगाया गया हो – अभियुक्त
- जो सामान्य नियम के विरुद्ध हो – अपवाद
- जो पहले कभी नहीँ हुआ – अभूतपूर्व
- फेंक कर चलाया जाने वाला हथियार – अस्त्र
- जिसकी गिनती न हो सके – अगणित/अगणनीय
- जो पहले पढ़ा हुआ न हो – अपठित
- जिसके आने की तिथि निश्चित न हो – अतिथि
- कमर के नीचे पहने जाने वाला वस्त्र – अधोवस्त्र
- जिसके बारे में कोई निश्चय न हो – अनिश्चित
- जिसका भाषा द्वारा वर्णन असंभव हो – अनिर्वचनीय
- अत्यधिक बढ़ा-चढ़ा कर कही गई बात – अतिशयोक्ति
- सबसे आगे रहने वाला – अग्रणी
- जो पहले जन्मा हो – अग्रज
- जो बाद में जन्मा हो – अनुज
- जो इंद्रियों द्वारा न जाना जा सके – अगोचर
- जिसका पता न हो – अज्ञात
- आगे आने वाला – आगामी
- अण्डे से जन्म लेने वाला – अण्डज
- जो छूने योग्य न हो – अछूत
- जो छुआ न गया हो – अछूता
- जो अपने स्थान या स्थिति से अलग न किया जा सके – अच्युत
- जो अपनी बात से टले नहीं – अटल
- जिस पुस्तक में आठ अध्याय हों – अष्टाध्यायी
- आवश्यकता से अधिक बरसात – अतिवृष्टि
- बरसात बिल्कुल न होना – अनावृष्टि
- बहुत कम बरसात होना – अल्पवृष्टि
- इंद्रियों की पहुँच से बाहर – अतीन्द्रिय/इंद्रयातीत
- सीमा का अनुचित उल्लंघन – अतिक्रमण
- जो बीत गया हो – अतीत
- जिसकी गहराई का पता न लग सके – अथाह
- आगे का विचार न कर सकने वाला – अदूरदर्शी
- जो आज तक से सम्बन्ध रखता है – अद्यतन
- आदेश जो निश्चित अवधि तक लागू हो – अध्यादेश
- जिस पर किसी ने अधिकार कर लिया हो – अधिकृत
- वह सूचना जो सरकार की ओर से जारी हो- अधिसूचना
- विधायिका द्वारा स्वीकृत नियम – अधिनियम
- अविवाहित महिला – अनूढ़ा
- वह स्त्री जिसके पति ने दूसरी शादी कर ली हो – अध्यूढ़ा
- दूसरे की विवाहित स्त्री – अन्योढ़ा
- गुरु के पास रहकर पढ़ने वाला – अन्तेवासी
- पहाड़ के ऊपर की समतल जमीन – अधित्यका
- जिसके हस्ताक्षर नीचे अंकित हैं – अधोहस्ताक्षरकर्त्ता
- एक भाषा के विचारों को दूसरी भाषा में व्यक्त करना – अनुवाद
- किसी सम्प्रदाय का समर्थन करने वाला – अनुयायी
- किसी प्रस्ताव का समर्थन करने की क्रिया – अनुमोदन
- जिसके माता-पिता न होँ – अनाथ
- जिसका जन्म निम्न वर्ण मेँ हुआ हो – अंत्यज
- परम्परा से चली आई कथा – अनुश्रुि
- जिसका कोई दूसरा उपाय न हो – अनन्योपाय
- वह भाई जो अन्य माता से उत्पन्न हुआ हो – अन्योदर
- पलक को बिना झपकाए— अनिमेष / निर्निमेष
- जो बुलाया न गया हो — अनाहूत
- जो ढका हुआ न हो – अनावृ
- जो दोहराया न गया हो – अनावर्त
- पहले लिखे गए पत्र का स्मरण – अनुस्मारक
- पीछे-पीछे चलने वाला/अनुसरण करने वाला – अनुगामी
- महल का वह भाग जहाँ रानियाँ निवास करती हैं— अंतःपुर/रनिवास
- जिसे किसी बात का पता न हो – अनभिज्ञ / अज्ञ
- जिसका आदर न किया गया हो – अनादृत
- जिसका मन कहीँ अन्यत्र लगा हो – अन्यमनस्क
- जो धन को व्यर्थ ही खर्च करता हो – अपव्ययी
- आवश्यकता से अधिक धन का संचय न करना – अपरिग्रह
- जो किसी पर अभियोग लगाए – अभियोगी
- जो भोजन रोगी के लिए निषिद्ध है – अपथ्य
- जिस वस्त्र को पहना न गया हो – अप्रहत
- न जोता गया खेत – अप्रहत
- जो बिन माँगे मिल जाए – अयाचित
- जो कम बोलता हो – अल्पभाषी / मितभाषी
- आदेश की अवहेलना – अवज्ञा
- जो बिना वेतन के कार्य करता हो – अवैतनिक
- जो व्यक्ति विदेश में रहता हो – अप्रवासी
- जो सहनशील न हो – असहिष्णु
- जिसका कभी अन्त न हो – अनन्त
- जिसका दमन न किया जा सके – अदम्य
- जिसका स्पर्श करना वर्जित हो – अस्पृश्य
- जिसका विश्वास न किया जा सके – अविश्वस्त
- जो कभी नष्ट न होने वाला हो – अनश्वर
- जो रचना अन्य भाषा की अनुवाद हो – अनूदित
- जिसके पास कुछ न हो अर्थात् दरिद्र – अकिंचन
- जो कभी मरता न हो- अमर
- जो सुना हुआ न हो- अश्रव्य
- जिसको भेदा न जा सके- अभेद्य
- जो साधा न जा सके- असाध्य
- जो चीज इस संसार मेँ न हो – अलौकिक
- जो बाह्य संसार के ज्ञान से अनभिज्ञ हो – अलोकज्ञ
- जिसे लाँघा न जा सके- अलंघनीय
- जिसकी तुलना न हो सके – अतुलनीय
- जिसके आदि (प्रारम्भ) का पता न हो – अनादि
- जिसकी सबसे पहले गणना की जाये – अग्रगण
- सभी जातियों से सम्बन्ध रखने वाला – अन्तर्जातीय
- जिसकी कोई उपमा न हो – अनुपम
- जिसका वर्णन न हो सके – अवर्णनीय
- जिसका खंडन न किया जा सके- अखंडनीय
- जिसे जाना न जा सके- अज्ञेय
- जो बिना अन्तर के घटित हो – अनन्तर
- जो बहुत गहरा हो- अगाध
- जिसका चिंतन न किया जा सके- अचिंत्य
- जिसको काटा न जा सके – अकाट्य
- जिसको त्यागा न जा सके- अत्याज्य
- वास्तविक मूल्य से अधिक लिया जाने वाला मूल्य – अधिमूल्य
- अन्य से संबंध न रखने वाला/किसी एक में ही आस्था रखने वाला— अनन्य
- जिसका कोई घर (निकेत) न हो— अनिकेत
- कनिष्ठा (सबसे छोटी) और मध्यमा के बीच की उँगली — अनामिका
- मूलकथा में आने वाला प्रसंग, लघु कथा— अंतःकथा
- जिसका निवारण न किया जा सके/जिसे करना आवश्यक हो— अनिवार्य
- जिसका विरोध न हुआ हो या न हो सके – अनिरुद्ध/अविरोधी
- जिसका किसी में लगाव या प्रेम हो– अनुरक्त
- जो अनुग्रह (कृपा) से युक्त हो— अनुगृहीत
- जिस पर आक्रमण न किया गया हो— अनाक्रांत
- जिसका उत्तर न दिया गया हो — अनुत्तरित
- अनुकरण करने योग्य — अनुकरणीय
- जो कभी न आया हो (भविष्य ) — अनागत
- जो श्रेष्ठ गुणों से युक्त न हो— अनार्य
- जिसकी अपेक्षा हो— अपेक्षित
- जो मापा न जा सके- अपरिमेय
- नीचे की ओर लाना या खींचना — अपकर्ष
- जो सामने न हो— अप्रत्यक्ष/परोक्ष
- जिसकी आशा न की गई हो – अप्रत्याशित
- जो प्रमाण से सिद्ध न हो सके – अप्रमेय
- किसी काम के बार-बार करने के अनुभव वाला – अभ्यस्त
- किसी वस्तु को प्राप्त करने की तीव्र इच्छा – अभीप्सा
- जो साहित्य कला आदि में रस न ले- अरसिक
- जिसको प्राप्त न किया जा सके जो कम जानता हो— अल्पज्ञ
- जो वध करने योग्य न हो – अवध्य
- जो विधि या कानून के विरुद्ध हो – अवैध
- जो भला-बुरा न समझता हो अथवा सोच-समझकर काम न करता हो— अविवेकी
- जिसका विभाजन न किया जा सके – अविभाज्य / अभाज्य
- जिसका विभाजन न किया गया हो – अविभक्त
- जिस पर विचार न किया गया हो – अविचारित
- जो कार्य अवश्य होने वाला हो – अवश्यंभावी
- जिसको व्यवहार में न लाया गया हो – अव्यवहृत
- जो स्त्री सूर्य भी नहीं देख पाती – असूर्यपश्या
- न हो सकने वाला कार्य आदि – अशक्य
- जो शोक करने योग्य नहीं हो – अशोक्य
- जो कहने, सुनने, देखने में लज्जापूर्ण, घिनौना हो – अश्लील
- जिस रोग का इलाज न किया जा सके- असाध्य रोग/लाइलाज
- जिससे पार न पाई जा सके – अपार
- बूढ़ा-सा दिखने वाला व्यक्ति – अधेड़ जिसका कोई
- मूल्य न हो – अमूल्य
- जो मृत्यु के समीप हो – आसन्नमृत्यु
- किसी बात पर बार-बार जोर देना- आग्रह
- वह स्त्री जिसका पति परदेश से लौटा हो – आगतपतिका
- जिसकी भुजाएँ घुटनों तक लम्बी हों- आजानुबाहु
- मृत्युपर्यन्त – आमरण
- जो अपने ऊपर निर्भर हो – आत्मनिर्भर / स्वावलंबी
- व्यर्थ का प्रदर्शन – आडम्बर
- पूरे जीवन तक – आजीवन
- अपनी हत्या स्वयं करना – आत्महत्या
- अपनी प्रशंसा स्वयं करने वाला – आत्मश्लाघी
- कोई ऐसी वस्तु बनाना जिसको पहले कोई न जानता हो – आविष्कार
- ईश्वर में विश्वास रखने वाला— आस्तिक
- शीघ्र प्रसन्न होने वाला – आशतोष
- – • प्रारम्भ से लेकर अंत तक आद्योपान्त
- . ‘ जो बहुत क्रूर व्यवहार करता हो – आततायी
- . जो गुण-दोष का विवेचन करता हो – आलोचक
- शीघ्र प्रसन्न होने वाला – आशुतोष
- विदेश से देश में माल मँगाना – आयात
- सिर से पाँव तक- आपादमस्तक
- अपनी हत्या स्वयं करने वाला – आत्मघाती
- जो अतिथि का सत्कार करता है- आतिथेय / मेजबान
- दूसरे के हित में अपना जीवन त्याग देना – आत्मोत्सर्ग
- जिसका सम्बन्ध आत्मा से हो – आध्यात्मिक
- जिस पर हमला किया गया हो- आक्रांत
- जिसने हमला किया हो- आक्रांता
- जिसे सूँघा न जा सके- आघ्रेय
- जिसकी कोई आशा न की गई हो- आशातीत
- जो कभी निराश होना न जाने आशावादी
- किसी नई चीज की खोज करने वाला आविष्कारक
- जो जन्म लेते ही गिर या मर गया हो – आजन्मपात
- वह कवि जो तत्काल कविता कर सके – आशुकवि
- लेखक द्वारा स्वयं की लिखी गई जीवनी – आत्मकथा
- पवित्र आचरण वाला – आचारपूत
- वह चीज जिसकी चाह हो – इच्छित
- किन्हीं घटनाओं का कालक्रम से किया गया वर्णन – इतिवृत्त
- जो इन्द्र पर विजय प्राप्त कर चुका हो – इंद्रजीत
- माँ-बाप का अकेला लड़का – इकलौता
- जो इन्द्रियों से परे हो/जो इन्द्रियों के द्वारा ज्ञात न हो – इन्द्रियातीत
- दूसरे की उन्नति से जलना – ईर्ष्या
- उत्तर और पूर्व के बीच की दिशा – ईशान / ईशान्य
- पर्वत की निचली समतल भूमि – उपत्यका
- दूसरे के खाने से बची वस्तु – उच्छिष्ट
- किसी भी नियम का पालन नहीं करने वाला – उच्छृंखल
- वह पर्वत जहाँ से सूर्य और चन्द्रमा उदित होते माने जाते हैं – उदयाचल .
- जिसके ऊपर किसी का उपकार हो – उपकृत
- ऐसी जमीन जो अच्छी उत्पादक हो- उर्वरा
- * जो छाती के बल चलता हो (साँप आदि) – उरग
- जिसने अपना ऋण पूरा चुका दिया हो – उऋण
- जिसका मन जगत से उचट गया हो- उदासीन
- जिसकी दोनों में निष्ठा हो – उभयनिष्ठ
- ऊपर की ओर जाने वाला – उर्ध्वगामी
- नदी के निकलने का स्थान – उद्गम
- किसी वस्तु के निर्माण में सहायक साधन- उपकरण
- जो उपासना के योग्य हो – उपास्य
- मरने के बाद सम्पत्ति का मालिक- उत्तराधिकारी/वारिस
- सूर्योदय की लालिमा – उषा
- . छोटी-बड़ी वस्तुओं को उठा ले जाने वाला – उठाईगिरा
- जिसका ऊपर कथन किया गया हो – उपर्युक्त
- • कुँए के पास का वह जल कुंड जिसमें पशु पानी पीते हैं – उबारा
- जिस भूमि में कुछ भी पैदा न होता हो – ऊसर
- सूर्यास्त के समय दिखने वाली लालिमा – ऊषा
- विचारों का ऐसा प्रवाह जिससे कोई निष्कर्ष न निकले – ऊहापोह
- कई जगह से मिलाकर इकट्ठा किया हुआ – एकीकृत
- सांसारिक वस्तुओं को प्राप्त करने की इच्छा- एषणा
- वह स्थिति जो अंतिक निर्णायक हो, निश्चित – एकांतिक
- इंद्रियों को भ्रमित करने वाला – ऐंद्रजालिक