भाववाच्य ( Impersonal voice )
परिभाषा – जिस वाक्य में क्रिया अथवा भाव की प्रधानता का बोध होता है , वहाँ भाववाच्य होता है ।
अर्थात –
क्रिया का वह रूप जिसमें न कर्ता की प्रधानता हो न कर्म की , बल्कि भाव की प्रधानता हो , उसे ” भाववाच्य ” कहा जाता है ।
जैसे –
✦ मुझसे खाया नहीं जाता ।
✦ राम से सोया नहीं जाता ।
✦ राम से दौड़ा नहीं जाता ।
✦ सीमा से चला नहीं जाता है ।
भाववाच्य की पहचान –
1. इन वाक्यों में कर्ता , करण कारक ( ‘ से ‘ या ‘ के द्वारा ‘ विभक्ति सहित ) में होता है ।
जैसे –
✦ राम से खाया नहीं जाता ।
✦ बच्चों से पढ़ा नहीं जाता ।
✦ मुझसे चला नहीं जाता ।
2. वाक्य में कर्म नहीं होता , क्रिया अकर्मक रूप में होती है ।
जैसे –
✦ मुझसे दौड़ा नहीं जाता ।
✦ राम से खाया नहीं जाता
✦ मुझसे सोया नहीं जाता ।
3. भाववाच्य के वाक्यों में ‘ न कर सकने ‘ का भाव अर्थात असमर्थता का भाव होता है ।
जैसे –
✦ मरीज से चला नहीं जाता ।
✦ राम से बोला नहीं जाता ।
✦ उससे दौड़ा नहीं जाता ।
Note – कुछ सकारात्मक वाक्यों में भाववाच्य होता है ।
जैसे –
✦ राम से बोला जाता है ।
✦ मरीज से खाया जाता है ।
✦ अब तो मरीज से भी चला जाता है ।
4. भाववाच्य में क्रिया सदैव एकवचन पुल्लिंग में होती है ।
जैसे –
✦ राम से चला नहीं जाता ।
✦ सुधा से खाया नहीं जाता ।
✦ रमा से सोया नहीं जाता ।
5. यदि किसी वाक्य में कर्ता के साथ कर्ता कारक चिन्ह ” ने ” जुड़ा हो तथा कर्म के साथ कर्म कारक चिन्ह ” को ” जुड़ा हुआ हो तो इस स्थिति में वाक्य की क्रिया के लिंग और वचन में कोई परिवर्तन नहीं होता है । अतः इन वाक्यों में भाववाच्य होता है ।
जैसे –
✦ राम से रोहन को पुकारा ।
✦ राम ने रावण को मारा ।
✦ सीमा ने गीता को बुलाया ।
✦ मोहन ने सोहन को पीटा ।
भाववाच्य भावे प्रयोग –
भाव वाच्य में क्रिया न तो कर्ता के अनुसार होती है ,और न ही कर्म के अनुसार होती है , बल्कि क्रिया भाव के अनुसार एकवचन पुल्लिंग में होती है । अतः भाववाच्य में सदैव ” भावे प्रयोग ” ही होता है ।
जैसे –
✦ मोर से उड़ा नहीं जाता ।
✦ राम से दौड़ा नहीं जाता ।
✦ सीता से गाया नहीं जाता ।
✦ चिड़िया से उड़ा नहीं जाता ।
✦ मरीज से चला नहीं जाता ।