वचन किसे कहते है? परिभाषा भेद और उदाहरण | Vachan In Hindi
वचन ( Vachan In Hindi )
Vachan in hindi – आज हम इस पोस्ट में हिंदी व्याकरण के एक महत्वपूर्ण अध्याय को पढ़ेंगे। हम जब कभी भी वचन शब्द सुनते है तो वचन शब्द का अर्थ हम किसी बात या वादे से लिया जाता है। परंतु हिंदी में वचन का अर्थ एक या एक से अधिक संख्याओं को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। दोस्तों इस पोस्ट में हम vachan in hindi के बारे में जानेंगे। इसमें हम वचन किसे कहते हैं, वचन के भेद, एकवचन, बहुवचन, वचन परिवर्तन एवं वचन के उदाहरण को देखेंगे। तो चलिए वचन के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी हासिल करते है।
वचन किसे कहते है
वचन की परिभाषा – शब्द का वह रूप जिससे उसके एक या अनेक होने का बोध होता है , उसे वचन कहते है।
अथवा – संज्ञा के जिस से संख्या का बोध हो उसे वचन ( vachan) कहते हैं। संस्कृत भाषा में तीन वचन होते हैं, लेकिन हिंदी व्याकरण में वचन दो प्रकार के होते है। संस्कृत भाषा का तीसरा वचन द्विवचन हिंदी में प्रयोग नहीं होता है।
वचन के उदाहरण –
✦ राम स्नान कर रहा है।
✦ बच्चे स्कूल जा रहे है।
✦ कुत्ता भौंक रहा है।
✦ कुत्ते भाग रहे है।
( उपर्युक्त वाक्यों में ‘राम ‘ और ‘कुत्ता ‘ एक प्राणी का बोध करा रहे है तथा ‘बच्चे’ और ‘ कुत्ते ‘ शब्द से एक से अधिक प्राणियों या जीवो का बोध हो रहा है। )
वचन के प्रकार ( kinds of Number) –
हिंदी व्याकरण में वचन दो प्रकार के होते है –
1. एकवचन ( Singular Number)
2. बहुवचन ( Plural Number)
1. एकवचन ( Singular Number) –
शब्द का वह रूप जिससे एक ही प्राणी /व्यक्ति , वस्तु तथा पदार्थ के बारे में जानकारी प्राप्त होती है ,उसे एकवचन कहते है।
जैसे- किताब, पेन, लड़का,लड़की, गाय, नदी, बच्चा,कुत्ता, कुर्सी ,टेबल आदि।
2. बहुवचन ( Plural Number) –
शब्द का वह रूप जिससे एक से अधिक व्यक्ति, वस्तु तथा पदार्थ के बारे में जानकारी प्राप्त होती है , उसे बहुवचन कहते है।
जैसे- किताबे, लड़के, लड़किया , नदिया, बच्चे, कुत्ते, कुर्सियां, आदि।
वचन की पहचान ( identification of Number) –
वचन की पहचान मुख्यतः दो प्रकार से की जाती है –
1. क्रिया पदों के रूप में – क्रिया पदों के रूप में वचन की पहचान निम्न प्रकार से होती है –
जैसे-
✦ कारीगर काम कर रहा है। (एकवचन )
✦ कारीगर काम कर रहे है। ( बहुवचन )
✦ पक्षी आकाश में उड़ रहा है। ( एकवचन )
✦ पक्षी आकाश में उड़ रहे है। ( बहुवचन)
( उपर्युक्त वाक्यों में ‘ रहा है ‘ शब्द एक व्यक्ति / प्राणी के बारे में बता रहा है , जबकि ‘रहे है ‘ शब्द एक से अधिक के बारे में बता रहा है। )
2. संज्ञा एवं सर्वनाम के रूप में – संज्ञा या सर्वनाम के रूप में वचन की पहचान निम्न प्रकार से की जाती है –
जैसे –
✦ बच्चा खेल रहा है। ( एकवचन )
✦ बच्चे खेल रहे है। ( बहुवचन )
✦ वह स्कूल जा रहा है। ( एकवचन )
✦ वे स्कूल जा रहे है। ( बहुवचन )
( उपर्युक्त वाक्यों में ‘बच्चा ‘ एवं ‘वह’ शब्द एक व्यक्ति का बोध करा रहा है ,जबकि ‘ बच्चे ‘ एवं ‘ वे ‘ शब्द एक से अधिक व्यक्ति का बोध करा रहे है। )
नोट – कुछ विशेष परिस्थितियों में एकवचन कर्त्ता होने पर भी बहुवचन क्रिया पदों का प्रयोग किया जाता है।
जैसे –
✦ पिताजी आज आ रहे है।
✦ पंडित जी मंदिर में पूजा कर रहे है।
( उपर्युक्त वाक्यों में ‘पिताजी’ तथा ‘ पंडितजी’ एक वचन है लेकिन ‘रहे है ‘ शब्द बहुवचन क्रिया पद है )
कुछ विशेष स्थितियों में खुद को बड़ा दर्शाने के लिए भी कुछ लोग ‘ मैं’ के स्थान पर ‘ हम ‘ का प्रयोग करते है।
जैसे –
✦ मालिक ने नौकर से कहा , ” हम बाहर जा रहे है। “
वचन परिवर्तन ( change of Number)
वचन परिवर्तन का अर्थ होता है ‘ एकवचन से बहुवचन में बदलना। ‘
शब्द के अंत में आये ‘अ’ को ‘एँ ‘ में बदलकर –
पुस्तक | पुस्तकें |
तलवार | तलवारें |
सड़क | सड़कें |
गाय | गाये |
चाह | चाहें |
राह | राहें |
शब्द के अंत में आये ‘ आ’ को ‘ एँ ‘ में बदलकर –
कला | कलाएँ |
महिला | महिलाएँ |
माला | मालाएँ |
सभा | सभाएँ |
लता | लताएँ |
गाथा | गाथाएँ |
शब्द के अंत में आए ‘आ’ को ‘ए’ में बदलकर –
कपड़ा | कपड़े |
चना | चने |
लड़का | लड़के |
तोता | तोते |
गधा | गधे |
चीता | चीते |
शब्द के अंत में आई ‘ ई’ के स्थान पर ‘ याँ ‘ लगाकर तथा ‘ई’ को ‘इ’ में बदलकर –
चोटी | चोटियाँ |
नारी | नारियाँ |
चाबी | चाबियाँ |
नदी | नदियाँ |
रानी | रानियाँ |
धोती | धोतियाँ |
स्त्रीलिंग शब्द के अंत में आए ‘ या ‘ को ‘ याँ’ में बदलकर –
लुटिया | लुटियाँ |
कुटिया | कुटियाँ |
गुड़िया | गुड़ियाँ |
कुतिया | कुतियाँ |
चिड़िया | चिड़ियाँ |
चुहिया | चुहियाँ |
स्त्रीलिंग शब्द के अंत में आए ‘उ’ , ‘ऊ’ , ‘औ’ में ‘ एँ’ लगाकर –
बहु | बहुएँ |
वस्तु | वस्तुएँ |
वधु | वधुएँ |
गौ | गौएँ |
एकवचन शब्द के साथ लोग ,जन, गण, वर्ग , वृंद लगाकर –
कर्मचारी | कर्मचारीवर्ग |
लेखक | लेखकगण |
गुरु | गुरुजन |
छात्र | छात्रगण |
अध्यापक | अध्यापकगण |
प्रजा | प्रजातंत्र |
विशेष –
धातुओं का बोध कराने वाली जातिवाचक संज्ञाएँ तथा भाववाचक संज्ञाएँ एकवचन में प्रयोग की जाती है ,जैसे – सोना ,चाँदी, घृणा ,सत्य, प्रेम, गरीबी आदि।
कुछ शब्द ऐसे है, जो सदैव एकवचन में ही प्रयोग किये जाते है , जैसे- आग, जनता ,दूध, प्रजा, भीड़, आकाश, वर्षा आदि।
कुछ शब्द ऐसे है , जो सदैव बहुवचन में ही प्रयोग किये जाते है ,जैसे – होश , प्राण, आँसू , दर्शन, लोग, बाल आदि।
कुछ शब्द ऐसे है , जो एकवचन तथा बहुवचन में समान होते है , उनके रूप नहीं बदलते , जैसे- चाय, छाया, पानी, क्षमा, याचना , गिरि , कल आदि।