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Visarg Sandhi : विसर्ग संधि – परिभाषा, नियम और उदाहरण

विसर्ग संधि –

विसर्ग ( : ) के साथ स्वर या व्यंजन के मिलने से जो परिवर्तन होता है, उसे ‘ विसर्ग संधि ‘ कहते हैं ।

विसर्ग संधि के उदाहरण : Visarg Sandhi Ke Udaharan

✦ निः + भर = निर्भर
✦ निः + ठुर = निष्ठुर
✦ धनुः + टंकार = धनुष्टंकार
✦ मनः + ताप = मस्तान
✦ निः + जन = निर्जन
✦ निः + रोग = नीरोग
✦ निः + पाप = निष्पाप

नियम – 1
: + स्वर ‘ओ” के बाद कोई सघोस व्यंजन था य व र ल में से कोई एक वर्ण हो तो विच्छेद में ओ का (:) हो जाता है।

उदाहरण

  • अधोगति – अधः + गति
  • अधोवस्त – अधः + वस्त
  • मनोबल – मन: +बल
  • तपोवन – तपः + वन
  • मनोज – मनः स्ज
  • अधोगामी – अधः+ जामी
  • तपोधन तपः + धन
  • तपोवन – तप: + पन
  • मनोदशा – मनः + दशा
  • मनोरथ – मन: + रथ
  • मनोहर मन: + हर
  • मनोविज्ञान – मनः + विज्ञान
  • रजोगुण – रजः + गुण
  • अधोलिखित – अधः + लिखित
  • मनोरंजन मन: + रंजन
  • शिरोधार्य – शिर: + धार्य
  • पयोधि – पयः + धि
  • पयोधर पयः + धर
  • यशोगाथा – यशः + गाथा

नियम – 2
श, ष, स् के बाद अघोस व्यंजन (1,2) हो तो विच्छेद करते समय श, ष् से का विसर्ग हो जाता है

उदाहरण

  • निश्चय – निः + चय
  • दुष्काल – दु: + काल
  • निस्तार – निः + तार
  • निश्चित – निः + चित
  • दुस्तार – दुः + तर
  • दुष्परिणाम- दु: + परिणाम
  • चतुष्कीण – चतुः + कोण
  • हरिश्चन्द्र – हरि + चन्द्र
  • निश्छल – निः + तहका छल
  • निष्कर्मण- नि: + कर्मण
  • निस्तारण – निः + तारण
  • दुश्चरित – दुः + चरित्त
  • आविष्कार – आविः + कार
  • नमस्कार – नम: + कार
  • मनस्तेज – मनः + तेज 
  • मनस्संतान – मनः + संतान

नियम – 3
श्श, ष्ष, रूस आर्थ तो श, ष, स् का विसर्ग हो जाता है

उदाहरण

  • निशांत – निः+ शांत
  • दुश्शेत – दु: + शंत
  • निश्शुल्क – निः शुल्क
  • निस्सार – निः + सार
  • दुस्साहस – दुः + साहस
  • निस्स – नि:+स
  • मशशरीर – यशः + शरीर
  • निस्संतान – निः + संतान
  • दुस्स्वप्न – दुः + स्वप्न
  • दुस्साहस – दु: + साहस

नियम – 4
र के बाद सघोष व्यंजन या य्, र, ल, व, ह आये तो विच्छेत करते समय र का लोप प विसर्ग लग जाता है।

उदाहरण

  • निर्गम – निः + गम
  • निर्वाध – निः + बाध
  • निर्गुण – नि: + गुन
  • निर्वचन – निः + वचन
  • निर्जन – निः+ जन –
  • निर्झर – निः + सर
  • दुर्गम – दु: + गम
  • दुर्बोध – दुः + बोध
  • दुर्वचन- दुः + वचन
  • धुनुर्वेद – धनु : + वेद
  • निर्दोष – निः + दोष
  • निर्गमन – नि: + गमन
  • दुर्दशा – दु: + दशा
  • निर्मल – निः+मल
  • निर्बल- निः+ बल
  • धनुर्धारि – धनुः + धारि
  • निराकार – निर :आकार

नियम – 5
ई, ऊ के बाद र हो तो विच्छेद करते समय ई, ऊ – इ, उ, व (:) लग जाता है।

उदाहरण

  • नीरस – निः + रस
  • नीरोग – निः + रोग 
  • नीरन्ध्र – निः + रन्ध्र
  • चक्षुरोग – चम्मुः + रोग
  • नीख – नि: + ख
  • नीरद –  नि: +रद
  • नौरस – नि: + रस

नियम – 6
“अ” के बाद : हो तथा : के बाद क, ख का / प, फ, विसर्ग का लोप नहीं होता है।

उदाहरण

  • उतः पुर – उत: + पुर
  • मनः कामना- मनः + कामना
  • प्रात: काल – प्रात: + काल 
  • अंत:करण – अंत: + करण
  • पयः + पान – पयः + पान

नियम – 7
अ के बाद विसर्ग हो और बाद स्वर हो तो विसर्ग का लोप हो जाता है

उदाहरण

  • यशइच्छा – यशः + इच्छा
  • अतएव – अतः + एव
  • तपउत्तम – तपः + उत्तम
  • मनउच्छेद – मन : + उच्छेद

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