इस आर्टिकल में हम समास के भेदऔर उनके भेदों को उदाहरण के माध्यम से पढ़ेंगे। इस टॉपिक से सभी परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते है। हम यहां पर समास के सभी भेदों/प्रकार के बारे में सम्पूर्ण जानकारी लेके आए है। hindi में समास से संबंधित बहुत सारे प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं और राज्य एवं केंद्र स्तरीय बोर्ड की सभी परीक्षाओं में यहां से questions पूछे जाते है। Samas in Hindi के बारे में उदाहरणों सहित इस पोस्ट में सम्पूर्ण जानकारी दी गई है। तो चलिए शुरू करते है –
समास के भेद | Samas Ke Bhed
समास के भेद/प्रकार की सम्पूर्ण जानकारी
- अव्ययीभाव समास
- तत्पुरुष समास
- द्वंद्व समास
- बहुब्रीहि समास
- द्विगु समास
- कर्मधारय समास
द्विगु समास व कर्मधारय समास को पृथक समास मानते हुए समास की संख्या छः बतलाते है जबकि वास्तविकता तो यह है की कर्मधारय व द्विगु समास कोई पृथक समास न हो कर तत्पुरुष समास के ही भेद होते है।
1. अव्ययीभाव समास –
इसका प्रथम पद अव्यय होगा तथा शब्द की पुनरावर्ती हो वहां अव्ययीभाव समास समास होता है।
उदाहरण –
- निडर – बिना डर के
- अनजाने – बिना जानकर
- बार – बार – प्रत्येक बार
- रातोंरात – रात ही रात में
- पल – पल – प्रत्येक पल
2. तत्पुरुष समास –
इसका उत्तर पद अर्थात द्वितीय पद अर्थ की दष्टि से प्रधान होता है।
इसमें में लिंग – वचन अंतिम पद के अनुसार ही होता है।
इस समास में दोनों पदों के मध्य प्रयुक्त होने वाले कर्म कारक से अधिकरण कारक तक के विभक्ति चिह्नों ( कारकीय परसर्गो ) का लोप हो जाता है।
- कर्म तत्पुरुष समास
- करण तत्पुरुष समास
- सम्प्रदान तत्पुरुष समास
- अपादान तत्पुरुष समास
- संबंध तत्पुरुष समास
- अधिकरण तत्पुरुष समास
इसके अतिरिक्त इसके चार और प्रकार व्याकरणों की सूचि में आते है।
3. द्वंद्व समास –
इसमें दोनों पद प्रधन विग्रह करते समय ‘और’ लगेगा।
विग्रह में आदि, और, इत्यादि, अथवा शब्द आते है।
उदाहरण –
- सुख – दुःख = सुख और दुःख
- रात दिन = रात और दिन
- देश – विदेश = देश और विदेश
- सीता – गीता = सीता और गीता
- जलवायु = जल और वायु
4. बहुब्रीहि समास –
जिसमें दो पदों मिलकर तीसरे पद का निर्माण करते है। तीसरा पद प्रधान होता है और यह पहले दो पदों का बताते है।
उदाहरण –
- गिरधर – पहाड़ो को धारण करने वाला
- नीलकंठ – नीला है कंठ जिसका अर्थात ( शिव )
- गजानन – गज के समान मुख है ( गणेश )
5. द्विगु समास –
प्रथम पद संख्यावाची होता है व समूह का बोध करवाता है।
उदाहरण –
- त्रिकाल = तीन कालों का समूह
- नवरस = नौ रसों का समूह
- सप्ताह = सात सौ पदों का समूह
- त्रिवेणी = तीन विणियों का समूह
- पंजाब = पाँच नदियों का समूह
6. कर्मधारय समास –
इस समास में एक पद दूसरे पद की विशेषता ( विशेष्य, विशेषण ) बताता हैं।
उदाहरण –
- नीलगाय = नीली है जो गाय
- पीताम्बर = पीला है जो अम्बर
- कला पानी = काला है जो पानी
- सुदर्शन = सुन्दर है जो दर्शन
- महाभोज = महान है जो भोज